आगर मालवा : Baba Baijnath temple will be beautified in agar malwa आगर मालवा जिले का प्रसिद्ध बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर अब महाकाल लोक की तर्ज पर सँवारा जाएगा। करीब 18 करोड़ 90 लाख रुपए की लागत से मंदिर में अनेक विकास कार्य आने वाले समय पर देखने को मिलेंगे। एमपी हाउसिंग बोर्ड द्वारा तैयार किये प्रस्ताव को तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद प्रस्ताव को प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भेजा गया है। महाकाल लोक की तर्ज पर होने वाले विकास कार्यों में यहां भव्य प्रवेश द्वार, भव्य सभामंडप ,भक्तों के लिए ठहरने की व्यवस्था तथा मंदिर परिसर को पर्यटन स्थल के रूप में निखारने का कार्य किया जाएगा। प्रस्ताव की जानकारी लगने पर बाबा बैजनाथ के भक्तों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। प्रबंध समिति का कहना है कि शीघ्र ही टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर विकास कार्य आरंभ किए जाएंगे।
मध्यप्रदेश के आगर मालवा में एक ऐसा अद्धभुत अति प्राचीन शिव मंदिर है जिसका जीर्णोद्धार पराधीनता के समय एक अंग्रेज कर्नल ने करवाया है। बाबा बैजनाथ के प्रसिद्ध मंदिर से कई चमत्कारिक घटनाएं जुड़ी हुई है। इस मंदिर से एक ऐसा ही दावा जुड़ा हुआ है, जिसमें भगवान स्वयं अपने वकील भक्त का रुप धरके कोर्ट में पहुँचे और जिरह करके केस जीता गए। इस प्रसिद्ध मंदिर में बड़ी संख्या में दर्शनार्थी दर्शन के लिए पहुँचते है। सावन मास के दौरान यहाँ पर दर्शन करने से विशेष लाभ होता है। इसी के चलते यहाँ सावन मास में हजारों लोग दर्शन के लिए मंदिर में पहुँचते है।
Baba Baijnath temple will be beautified in agar malwa बैजनाथ महादेव मंदिर से कई चमत्कारीक घटनांए जुड़ी हुई है। इन्ही इतिहास में दर्ज घटनाओं में से एक सन 1879 से जुड़ी हुई है। जब भारत में ब्रिटिश शासन था, उन्हीं दिनों अंग्रेजों ने अफगानिस्तान पर आक्रमण कर दिया। इस युद्ध का संचालन आगर मालवा की ब्रिटिश छावनी के लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन को सौंपा गया था। कर्नल मार्टिन समय- समय पर युद्ध क्षेत्र से अपनी पत्नी को कुशलता के समाचार भेजते रहते थे। युद्ध लम्बा चला और संदेश आना बंद हो गये। तब उसकी पत्नी लेडी मार्टिन को चिन्ता सताने लगी कि कहीं कुछ अनर्थ न हो गया हो। पंडितों की सलाह पर लेडी मार्टिन ने ग्यारह दिन का ॐ नम: शिवाय मंत्र से लघुरूद्री अनुष्ठान आरम्भ किया तथा प्रतिदिन भगवान शिव से अपने पति की रक्षा के लिये प्रार्थना करने लगी।
लघु रूद्री की पूर्णाहुति के दिन भागता हुआ एक संदेशवाहक शिवमंदिर में आया और लेडी मार्टिन को एक पत्र दिया। पत्र उसके पति ने लिखा था, पत्र में लिखा था कि हम युद्धरत थे और तुम तक संदेश भी भेजते रहे, लेकिन अचानक हमें चारों ओर से पठानी सेना ने घेर लिया था ब्रिटिश सेना कट मरती और मैं भी मर जाता। ऐसी विकट परिस्थिति में हम घिर गये थे, कि प्राण बचाकर भागना भी अत्यधिक कठिन था। इतने में सहसा मैंने देखा कि युद्ध भूमि में भारत के कोई एक योगी, जिनकी बड़ी लम्बी जटाएं हैं, हाथ में तीन नोंक वाला एक हथियार (त्रिशूल) है। वे बड़े तेजस्वी और बलवान पुरूष अपना त्रिशूल घुमा रहे हैं। उनका त्रिशूल इतनी तीव्र गति से घूम रहा था कि पठान सैनिक उन्हें देखकर ही भागने लगे, उनकी कृपा से घेरे से निकलकर पठानों पर वार करने का हमें मौका मिल गया और हमारी हार की घड़ियां एकाएक जीत में बदल गई।
यह सब भारत के उन वाघ बरधारी एवं त्रिशूलधारी योगी के कारण ही संभव हुआ। उनके महातेजस्वी व्यक्तित्व के प्रभाव से देखते ही देखते अफगानिस्तान की पठानी सेना भाग खड़ी हुई और वे परम योगी मुझे हिम्मत देते हुए कहने लगे घबराओ नहीं मैं भगवान शिव हूँ तथा तुम्हारी पत्नी की शिवपूजा से प्रसन्न होकर में तुम्हारी रक्षा करने आया हूं। युद्ध से लौटकर मार्टिन दंपति दोनों ही नियमित रूप से बैजनाथ महादेव मंदिर में आकर पूजा-अर्चना करने लगे।
Baba Baijnath temple will be beautified in agar malwa पत्नी की इच्छा पर कर्नल मार्टिन ने सन् 1883 में बैजनाथ महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया, जिसका शिलालेख आज भी आगर-मालवा के इस मंदिर में लगा है। पूरे भारत भर में अंग्रेजों द्वारा निर्मित यह एक मात्र हिन्दू मंदिर है । बाबा बैजनाथ के अनन्य भक्त रहे आगर निवासी स्व. जयनारायण बापजी वकील की एक प्रचलित कथा के अनुसार वकील जयनारायण बापजी आगर कोर्ट में वकालात करते थे और नियमित रूप से महादेव दर्शन के लिए इसी बैजनाथ मंदिर में जाते थे और ध्यान लगाते थे।
ऐसे ही एक बार वे महादेव के ध्यान में इतने मग्न हो गए कि अपने पक्षकार की पैरवी के लिए न्यायालय में समय पर नहीं पहॅंच पाए, लेकिन जब ध्यान भंग होने के पश्चात् न्यायालय पहुंचे तो वहां पर उन्हें मालूम हुआ कि वे अपने पक्षकार की पैरवी कर चुके है और कैस जीत चुके है।वह केस डायरी आज भी संभाल कर रखी हुई है। ऐसा बताया जाता है कि जिस जगह यह डायरी रखी हुई थी उस घर में आग लग गई थी जिससे पूरे घर का सामान जल गया परन्तु केवल वहीं अलमारी जलने से बची जिसमें यह डायरी रखी हुई थी।
Follow us on your favorite platform: