अशोकनगर: Brother Sister Become Husband Wife जब महिला रिश्तों की दहलीज लांघ जाए तो ये कहा नहीं जा सकता कि वो किस खतरनाक कारनामे को अंजाम देगी। अक्सर देखा गया है कि मर्यादा लांघने वाली महिला को आखिरकार पछताना ही पड़ता है। फिर उसके पास न तो घरवाला होता है और न बाहर वाला। ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। महिला ने पहले अपने प्रेमी को भाई बताकर घर पर जगह दी, फिर वो कांड कर डाला जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। आखिरकार अब प्रेमी और महिला दोनों सलाखों के पीछे हैं।
Brother Sister Become Husband Wife दरअसल मामला सौरभ जैन हत्याकांड का है। मृतक सौरभ के भाई और परिजनों ने बीते 18 जुलाई को पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर सौरभ जैन की हत्या करने का आरोप लगाया था। परिजनों ने सौरभ की पत्नी और उसके प्रेमी दीपेश पर हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने मामले में खुलासा करते हुए बताया कि साल 2020 में रिचा की फेसबुक पर सिरोंज निवासी दीपेश से दोस्ती हुई थी। दोस्ती प्यार में बदली और बाद में रिचा सौरभ को छोड़कर दीपेश के साथ चली गई थी।
सौरभ के भाई विनीत जैन ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया था कि सुनियोजित षड्यंत्र के तहत रिचा जैन करीब दो माह बाद ही यह कहकर सौरभ के पास वापस लौट आई कि दीपेश मुझे और हमारे बेटे शौर्य को परेशान करता है। इसके बाद सौरभ ने पत्नी रिचा को लेकर अपने घर से अलग शहर के अलग-अलग हिस्सों में किराये से कमरा लेकर रहने लगा। बाद में सौरभ और रिचा के साथ एक युवक आकर रहने लगा। रिचा ने उसे अपना भाई बताया। सौरभ का बेटा शौर्य भी उसे मामा कहता था। लेकिन कुछ दिन बाद सौरभ, रिचा और दीपेश तीनों गायब हो गए।
तीनों के गायब होने के बाद सौरभ के भाईयों का आरोप था कि भाभी ने सौरभ जैन का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया है, लेकिन सौरभ की मौत के बारे में हमें कुछ भी जानकारी नहीं दी है। पुलिस ने जब रिचा और दीपेश से पूछताछ की तो दोनों शातिर आरोपी खुद को एक दूसरे के भाई-बहिन बताते रहे। उनका कहना था कि सौरभ की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी और उसका अंतिम संस्कार तुलसी सरोवर के पास स्थित शमशाम घाट में कर दिया था। जबकि मुक्तिधाम में सौरभ के अंतिम संस्कार की कोई एंट्री नहीं थी। वहीं, जो पंचनामा आरोपियों ने पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किया था उस पर जो नाम लिखे थे उनसे पूछताछ की तो उन्होंने भी पंचनामा पर अपने हस्ताक्षर न करना बताया। साथ ही मोबाइल नंबर भी उनके नही थे।
बाद में जब आरोपियों को लगा कि पुलिस के सवालों के जबाव उनके पास नहीं है तो उन्होंने हत्या की बात मान ली। आरोपियों ने बताया कि हमने चंदेरी रोड पर स्थित एक किराए के कमरे में सौरभ की हत्या कर दी थी। लाश के टुकड़े-टुकड़े कर हमने जला दिए हैं और राख को कभी कुड़ी घाट तो कभी तुलसी सरोवर, तो कभी ओर नदी में बहाने की बात कहकर उलझाते रहे। पुलिस ने इस बयानों की पुष्टि के लिए जांच की तो कोई ठोस सबूत नहीं मिले। वहीं, पुलिस जब ने विभिन्न थाना क्षेत्रों में फरवरी, मार्च में मिली अज्ञात लाशों के बारे में जानकारी एकत्रित की तो विदिशा जिले के शमशाबाद थाने में सौरभ के हुलिया से मिलती लाश की जानकारी पुलिस को लगी। पुलिस ने लाश के साथ मिले कपड़े आदि का मिलान किया तो स्पष्ट हो गया कि लाश सौरभ की है। इसके बाद आरोपियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने सौरभ को इलाज के बहाने भोपाल ले जाने और रास्ते में उसकी हत्या करने की बात कबूल ली।