मदरसे की लड़ाई, शिशु मंदिर तक आई! क्या वाकई मदरसों में पढ़ाई जा रही है आपत्तिजनक सामग्री?
मदरसे की लड़ाई, शिशु मंदिर तक आई! क्या वाकई मदरसों में पढ़ाई जा रही है आपत्तिजनक सामग्री? Are objectionable material really being taught
भोपाल। Are objectionable material really being taught in madrasas? मध्यप्रदेश में पठान फिल्म के बैन की मांग के बीच अब मदरसे पर महाभारत शुरु हो गया है। रविवार को प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मदरसों में पढ़ाई जा रही आपत्तिजनक बातों पर सवाल उठाते हुए जांच की बात कही। तो कांग्रेस विधायक ने आरोप लगा दिया कि सरकार सिर्फ एक वर्ग को टारगेट कर रही है. अब सवाल है कि आखिर सरकार को मदरसों के सिलेबस की जांच क्यों करनी पड़ रही है और उस जांच पर आपत्ति क्यों हो रही।
मध्य प्रदेश में मदरसों में पढ़ाई जाने वाली किताबों की जांच कराने की बात का विरोध शुरू हो गया है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान का विरोध करते हुए कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सरस्वती शिशु मंदिरों की भी जांच कराने की मांग कर दी है, बल्कि ये भी आरोप लगाया कि सिर्फ मदरसों को टारगेट किया जा रहा है। इससे पहले नरोत्तम मिश्रा ने रविवार को ही कहा था कि प्रदेश के कुछ मदरसों मे आपत्तिजनक कंटेट पढाने की शिकायतें मिली है। इस तरह की स्थिति से निपटने के लि मदरसों की पठन सामग्री की जांच जिला कलेक्टर से कराई जाएगी।
दरअसल हाल ही में राज्य बाल संरक्षण आयोग ने कई जिलों में मदरसों का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान आयोग ने दावा किया था कुछ मदरसों में आपत्तिजनक सामग्री भी पढ़ाई जा रही है..इन शिकायतों के बाद ही गृहमंत्री ने मदरसों के सिलेबस की जांच की बात कही. जिसे लेकर अब सूबे का सियासी पारा चढ़ गया है..मदरसे की लड़ाई सरस्वती शिशु मंदिर तक पहुंच गई है. अब सवाल है कि मदरसा और सरस्वती शिशु मंदिर की तुलना कितनी जायज है.. क्या वाकई मदरसों में पढ़ाई जा रही है आपत्तिजनक सामग्री?
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