रामभुवन गौतम, अनूपपुर। जिले के कोयलांचल क्षेत्र में दर्जनों कोल माइंस की एसईसीएल की खदान के साथ कोतमा विधानसभा क्षेत्र में दो नए प्राइवेट खदानें खुलने के बाद भी क्षेत्र के युवा बड़ी तादाद पर बेरोजगार हैं। रोजगार के अवसर ढूंढने के लिए युवा पैतृक क्षेत्र से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। बिजुरी नगर के कपिलधारा कॉलोनी में स्थित माइनिंग कंपनी के कार्यालय का ग्रामीणों द्वारा प्राइवेट कंपनी का घेराव किया गया। कंपनी का घेराव कर रोजगार दिए जाने की मांग को लेकर घेराव के साथ आंदोलन में परिवर्तित हो गई।
प्राइवेट कंपनी द्वारा भूमि अधिग्रहण के प्रभावित ग्रामों के सरपंच तथा जनपद सदस्य एवं हजारों की संख्या में युवा और ग्रामीण आंदोलन स्थल पर डटे रहे। ग्राम बसखला, बसखली, ठोडहा, मौहरी मे कोयला खदान प्रारंभ करने के लिए स्थानीय ग्रामीणों से भूमि का अर्जन किए जाने के पश्चात रोजगार अब तक ग्रामीणों को नहीं किया गया है, जिसको लेकर ग्रामीणों के द्वारा लंबे समय से मामले की शिकायत कलेक्टर कार्यालय सहित वरिष्ठ अधिकारियों से किए जाने के पश्चात कार्यवाही न होने पर कंपनी कार्यालय का घेराव करते हुए आंदोलन पर बैठे रहे।
ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी के द्वारा प्रारंभ के समय प्रभावित ग्रामों के 1000 लोगों को रोजगार दिए जाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब वह वादे से मुकर रहा है। कम्पनी द्वारा ग्राम बसखला में सार्वजनिक जलाशय तालाब को बाउंड्री के भीतर घेर कर अतिक्रमण कर लिया गया है, जो की गाँव के अधिकांश लोगों के निश्तार की एक मात्र जल स्त्रोत है। कोयला खदान परियोजना के संचालन हेतु सम्बन्धित ग्राम पंचायतों से पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभा से अनुमोदन व अनापत्ति ली जाए। इसके साथ ही हसदेव क्षेत्र के विभिन्न खदानों में कंपनी के द्वारा ठेकेदार मजदूर रखे गए हैं, जिनका कंपनी के द्वारा शोषण करते हुए निर्धारित वेतन नहीं दिया जा रहा है।
परियोजना के प्रभावित गाँव में सीएसआर के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, सड़क, बिजली की व्यवस्था कराई जाए। प्रभावित गाँव में उक्त परियोजना से सम्बन्धित कौशल विकास केंद्र के रूप मे प्रशिक्षण केंद्र संचालित की जाए, जिसमें उक्त परियोजना में उपयोग में आने वाले सभी तकनीकी विषयों का प्रशिक्षण दिया जाने की मांग की गई। हालांकि कंपनी के प्रशासनिक अधिकारी ने काम शुरू होते ही रोजगार देने का आश्वासन दिया है।