कट्टरता बनाम कॉलेज.. नफरत या नॉलेज? आखिर वैमनस्य फैलाने वाली किताब सरकारी कॉलेज की लाइब्रेरी तक कैसे पहुंच रही है?

कट्टरता बनाम कॉलेज.. नफरत या नॉलेज? Another bigotry book has been found in Indore's Government Law College

कट्टरता बनाम कॉलेज.. नफरत या नॉलेज? आखिर वैमनस्य फैलाने वाली किताब सरकारी कॉलेज की लाइब्रेरी तक कैसे पहुंच रही है?
Modified Date: December 7, 2022 / 11:58 pm IST
Published Date: December 7, 2022 11:58 pm IST

दीपक यादव/इंदौर: किताबों को पढ़ने से जीवन को एक सही दिशा मिलती है। अपने अधिकारों से लेकर कानून की पूरी जानकारी मिलती है। एक तथ्यों के आधार पर लिखी गई किताब हमें एक जिम्मेदार नागरिक बना सकती है, लेकिन वहीं किताब अगर किसी दुर्भावना वश लिखी गई हो तो हमें राह से भटका भी सकती है। एक ऐसी ही किताब इंदौर के शासकीय नवीन लॉ कॉलेज की लाईब्रेरी में मिली। महिलाएं एवं आपराधिक विषय पर लिखी गई है। इस किताब में हिन्दू महिला और देवी देविताओं के खिलाफ अभद्र और विवादित बाते लिखी है।

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इंदौर के सरकारी लॉ कॉलेज में एक और कट्टरता की किताब मिली है.. इस किताब की लेखिका भी डॉ फरहत खान है। महिलाएं एवं अपराधिक विधि विषय की इस किताब में भी हिन्दू महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई है और भ्रूण हत्या के लिए ब्राह्मण, राजपूत और गुर्जर समाज को दोषी ठहराया गया है। महाभारत को लेकर भी किताब में अपशब्द लिखे गए हैं. कॉलेज के लिए 2018 में इस किताब को खरीदा गया था. छात्रों का आरोप है कि लॉ कॉलेज में इस तरह और भी किताबें हैं।

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छात्रों की शिकायत पर 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.हालांकि अब तक किसी गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अलग अलग टीमों का गठन किया गया है। मामले में अब सियासत भी चरम पर है। राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने ट्वीट किया कि सिद्धांतों के तहत इस किताब का विरोध करते हैं, लेकिन ये भी सही नहीं है कि प्रदेश सरकार पुलिस के सहारे अपने एजेंडों को पूरा करने लगे। कांग्रेस का ये भी आरोप है कि बीजेपी सरकार 18 सालों से क्या कर रही थी। ऐसी विवादित किताबें कॉलेज की लाइब्रेरी तक कैसे पहुंच गईं। उधर, BJP नेताओं का कहना है कि सरकार पूरी ईमानदारी से जांच करा रही है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

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लॉ कॉलेज में मिली नई विवादित किताब के बाद कॉलेज के छात्र जिस तरह सबूत पेश कर रहे हैं, उस पर सियासी एंगल भी तलाशे जाने लगे हैं। सियासी आरोप-प्रत्यारोप से इतर लॉ कॉलेज में एक के बाद एक जहरीली किताब कई सवालों को भी जन्म दे रहा है। सबसे बड़ा सवाल तो ये कि धर्म विशेष, संस्था विशेष या व्यक्ति विशेष के प्रति वैमनस्य फैलाने वाली किताब सरकारी कॉलेज की लाइब्रेरी तक कैसे पहुंच रही है?

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।