Liquor ban in mp: प्रदेश के इन शहरों में हो सकती है शराबबंदी! सीएम मोहन यादव ने दिए संकेत

Liquor ban in mp: सीएम मोहन यादव के इस बयान से स्पष्ट है कि मध्य प्रदेश सरकार धार्मिक नगरों की मर्यादा को बनाए रखने के लिए शराबबंदी को लेकर गंभीर है। अब यह देखना होगा कि बजट सत्र में इस मुद्दे पर क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।

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  • Publish Date - January 16, 2025 / 08:19 PM IST,
    Updated On - January 16, 2025 / 08:23 PM IST

भोपाल: Liquor ban in mp, मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर समय-समय पर चर्चाएं होती रहती हैं। अब मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस विषय पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने संकेत दिया है कि प्रदेश के धार्मिक नगरों में जल्द ही शराबबंदी लागू की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इन स्थानों की मर्यादा को बनाए रखना जरूरी है और इसी दिशा में सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।

धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी का प्रस्ताव

बताया जा रहा है कि आगामी बजट सत्र में मोहन सरकार धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी का प्रस्ताव ला सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार इस मुद्दे पर विचार कर रही है। कई साधु-संतों ने भी धार्मिक नगरों में शराबबंदी की सलाह दी है। सरकार इस सुझाव को गंभीरता से ले रही है और नीति में संशोधन करके इसे लागू करने की तैयारी में है।”

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2028 के सिंहस्थ की तैयारियां जोरों पर

सीएम मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि सरकार 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ की तैयारियों में जुटी हुई है। इसी क्रम में उज्जैन समेत अन्य धार्मिक स्थलों जैसे ओरछा, मैहर, और चित्रकूट में शराबबंदी की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, “धार्मिक वातावरण को शुद्ध और शांतिपूर्ण बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। इसी कारण इन नगरों में शराब की दुकानों को शहर से बाहर शिफ्ट करने की योजना पर काम हो रहा है।”

फरवरी-मार्च में प्रस्ताव आने की संभावना

सूत्रों के मुताबिक, फरवरी या मार्च में होने वाले बजट सत्र में धार्मिक नगरों में शराबबंदी का प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। सरकार का लक्ष्य है कि 2028 के पहले इन स्थानों पर शराबबंदी पूरी तरह से लागू हो।

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उज्जैन में 2028 का सिंहस्थ महाकुंभ

गौरतलब है कि 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ महाकुंभ का आयोजन होगा। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी को प्राथमिकता दे रही है। इसके अंतर्गत शराब की सभी दुकानों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट करने की योजना है।

सीएम मोहन यादव के इस बयान से स्पष्ट है कि मध्य प्रदेश सरकार धार्मिक नगरों की मर्यादा को बनाए रखने के लिए शराबबंदी को लेकर गंभीर है। अब यह देखना होगा कि बजट सत्र में इस मुद्दे पर क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।

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FAQs:

1. धार्मिक नगरों में शराबबंदी क्यों की जा रही है?

उत्तर: धार्मिक नगरों की मर्यादा और शुद्ध वातावरण बनाए रखने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है। साधु-संतों और धार्मिक समुदायों ने भी शराबबंदी का सुझाव दिया है। साथ ही, धार्मिक आयोजनों जैसे सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया जा रहा है।

2. कौन-कौन से धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू होगी?

उत्तर: उज्जैन, ओरछा, मैहर, चित्रकूट जैसे प्रमुख धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने की योजना है। भविष्य में अन्य धार्मिक स्थलों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।

3. शराबबंदी का असर कब से दिखेगा?

उत्तर: माना जा रहा है कि 2028 से पहले, विशेष रूप से सिंहस्थ महाकुंभ के आयोजन से पहले, इन नगरों में शराबबंदी पूरी तरह लागू हो जाएगी। फरवरी या मार्च के बजट सत्र में इसका प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।

4. शराब की दुकानों का क्या होगा?

उत्तर: धार्मिक नगरों में स्थित शराब की दुकानों को शहर के बाहर शिफ्ट करने की योजना है, ताकि इन क्षेत्रों में धार्मिक वातावरण बना रहे।

5. क्या शराबबंदी पूरे मध्य प्रदेश में लागू होगी?

उत्तर: फिलहाल यह योजना केवल धार्मिक नगरों तक सीमित है। पूरे प्रदेश में शराबबंदी का कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से धार्मिक स्थलों पर लागू कर रही है।