मप्र के परिवहन विभाग में पसरे भ्रष्टाचार के ‘सरगना’ कटघरे में लाए जाएं : एआईएमटीसी

मप्र के परिवहन विभाग में पसरे भ्रष्टाचार के 'सरगना' कटघरे में लाए जाएं : एआईएमटीसी

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  • Publish Date - December 24, 2024 / 08:39 PM IST,
    Updated On - December 24, 2024 / 08:39 PM IST

इंदौर, 24 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के परिवहन विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र भेजा।

पत्र में मांग की गई है कि इस विभाग की पिछले दो दशकों की गतिविधियों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और भ्रष्टाचार के ‘असली गुनहगारों’ और ‘सरगनाओं’ को कटघरे में लाया जाए।

एआईएमटीसी ने लोकायुक्त पुलिस की जांच में परिवहन विभाग के एक पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के करोड़ों रुपये की संपत्ति के मालिक होने के हालिया खुलासे का हवाला देते हुए यह मांग की।

एआईएमटीसी की राष्ट्रीय आरटीओ और परिवहन समिति के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों ने राज्य के परिवहन विभाग में कथित रूप से बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री यादव को पत्र भेजा है।

पत्र में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक शर्मा के ठिकानों पर छापे का हवाला देते हुए कहा गया कि अब तक जिन विभागीय कारिंदों (कर्मचारियों) की आय से ज्यादा संपत्ति का खुलासा हुआ है, वे ‘‘छोटे मोहरे’’ भर हैं और ‘असली गुनहगारों’ व ‘सरगनाओं’ की पहचान करके उन्हें कानून के कटघरे में लाया जाना आवश्यक है।

पत्र में मांग की गई है कि परिवहन विभाग की पिछले दो दशकों की गतिविधियों की उच्च स्तरीय जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या उच्चतम न्यायालय या मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश से कराई जाए।

पत्र में यह भी कहा गया है कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) के अधिकारियों की संपत्तियों की जांच कराई जाए और इसमें आय से ज्यादा मिल्कियत पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

पत्र में मांग की गई है कि लाइसेंस बनाने, वाहनों के पंजीकरण और फिटनेस प्रमाणन से संबंधित सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन पूरी की जाएं ताकि इनमें मानवीय हस्तक्षेप और रिश्वतखोरी के अवसर कम हो सकें।

भाषा हर्ष नोमान

नोमान