भोपाल: will held Panchayat Election in MP ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद एमपी में पंचायत चुनाव को लेकर जारी सस्पेंस पर विराम लग गया। राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ कर दिया कि OBC के लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर बाकी सीटों पर पंचायत चुनाव तारीखों पर ही होंगे। इसके साथ ही आयोग ने होल्ड सीटों पर दोबारा अधिसूचना के लिए 7 दिन का समय दिया है। तो वहीं ओबीसी आरक्षण को लेकर सियासत भी गरमाई हुई है। कांग्रेस और बीजेपी नेता एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
will held Panchayat Election in MP मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव के रद्द होने की अटकलों पर विराम लग गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने ये साफ कर दिया है कि मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव अपने कार्यक्रम के मुताबिक होंगे। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद शनिवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि OBC के लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर बाकी सीटों पर तय कार्यक्रम के अनुसार ही पंचायत चुनाव होंगे। यानी अब जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर पंच तक 98 हजार 319 सीटों पर फिलहाल चुनाव नहीं होंगे। प्रदेश में पहले और दूसरे चरण के पंचायत चुनाव के लिए जिला पंचायत सदस्य से लेकर पंच तक अब तक 14 हजार 525 अभ्यर्थी फॉर्म जमा कर चुके हैं। फिलहाल इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार को पत्र लिख दिया है कि सुप्रीम कोर्ट फैसले के मुताबिक OBC के लिए आरक्षित पदों के संबंध में रि-नोटिफाई करने की कार्रवाई हफ्तेभर में पूरी कर लें, जिससे इन जगहों पर चुनाव कराया जा सके।
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पंचायत चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब मध्यप्रदेश की सियासत फिर ओबीसी आरक्षण पर केंद्रित हो गई है। बीजेपी पंचायत चुनाव से ओबीसी आरक्षण खत्म किए जाने का जिम्मेदार कांग्रेस को ठहरा रही है। जबकि कांग्रेस दावा कर रही है कि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेताओं की याचिका रोटेशन को लेकर थी। ओबीसी आरक्षण की पैरवी बीजेपी सरकार के वकीलों ने दमदारी से नहीं की। अगर सरकार के काबिल वकीलों ने ओबीसी आरक्षण को लेकर मजबूत तर्क रखा होता तो पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होते।
दरअसल पंचायत चुनाव के लिए मध्यप्रदेश में पहली दफा ऐसा दंगल देखने को मिल रहा है। बीजेपी और कांग्रेस भी जानती है कि सत्ता के सिंहासन का रास्ता ग्रामीण इलाकों से ही होकर निकलता है। पंचायत चुनाव के जरिए दोनों ही पार्टियां अपने उन कार्यकर्ताओं को भी साधना चाहती है जो बूथों पर बड़े चुनावों की कमान संभालते हैं। फिलहाल अब सरकार के उस नोटिफिकेशन पर सबकी नज़रें टिकी हुईं हैं जिसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने हफ्तेभर की मोहलत दी है।
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