Reported By: Niharika sharma
,इंदौर: MP News मध्यप्रदेश के धार के भोजशाला से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। हिंदू और मुस्लिम समाज के बाद अब जैन समाज ने भी यहां अपना दावा किया है। जैन समाज के लोग भोजशाला को जैन तीर्थ बता रहे हैं। समाज ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अपनी याचिका में समाज ने कहा कि उन्हें भोजशाला मामले में तीसरी पार्टी के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।
MP News याचिका में समाज ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जैन समाज का पक्ष भी सुने क्योंकि ब्रिटिश म्यूजियम में जो मूर्ति है, वह जैन धर्म की देवी अंबिका की है, वाग्देवी (सरस्वती) की नहीं। भोजशाला में ASI के वैज्ञानिक सर्वे में भी बहुत सी मूर्तियां निकली हैं, वह भी जैन धर्म से संबंधित हैं।’
बता दें कि हाईकोर्ट के निर्देश पर मार्च में एएसआई ने सर्वे किया है। टीम ने कार्बन डेटिंग तकनीक से भोजशाला के भवन की उम्र का पता लगाया। इसे अलावा जीपीआरएस व अन्य तकनीकों का इस्तेमाल किया गया। सर्वे के दौरान पूरे समय वीडियोग्राफी भी कराई गई है। दो हजार पेज की रिपोर्ट तैयार कर हाईकोर्ट में पेश की गई। भोजशााला का सर्वे वर्ष 1902 में भी किया गया जा चुका है। तब सर्वे में पाया गया था कि भोजशाला की वास्तुकला भारतीय शैली की है। वहां पर संस्कृत के शब्द, हिन्दू चिन्ह और भारतीय मंदिरों जैसी शैली का निर्माण है। उस रिपोर्ट में भोजशाला के जमीन के टायटल में मस्जिद का भी उल्लेख है। उसे आधार बनाते हुए मुस्लिम समाज भी भोजशाला पर हक जताता है।
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