Reported By: Mahendra Singh Kushwaha
,ग्वालियर। ब्लॉकबस्टर फिल्म पुष्पा 2 आपने भी देखी होगी। इस फिल्म में एक्टर अल्लू अर्जुन ने दुश्मनों के कानों को काटकर जबरदस्त फाइट सीन दिया गया है। लेकिन ग्वालियर में इस फिल्म का बुरा असर हुआ कि फिल्म देखने के बाद हुए विवाद में एक शख्स ने दूसरे शख्स का कान काट लिया और उसे चबा कर खा गया।
दरअसल शहर के फालका बाजार स्थित काजल टॉकीज में पुष्पा-2 द रूल फिल्म दिखाई जा रही है। फिल्म शो देखने ग्वालियर के गुड़ा गुड़ी नाका का रहने वाला शब्बीर खान नाम का युवक भी पहुंचा हुआ था। फिल्म के दौरान जबरदस्त फाइट सीन भी चल रहे थे। फ़िल्म में एक्टर अल्लू अर्जुन का विलन के कानों को अपने मुंह से उखाड़ कर फेंक देने का जबरदस्त फाइट सीन खत्म ही हुआ था।
इस दौरान शब्बीर खान कैंटीन पर खाने का सामान खरीदने पहुंचा और पैसो को लेकर उसका विवाद कैंटीन में काम करने वाले राजू चंदन और एम ए खान से हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि तीनों ने मिलकर शब्बीर के साथ पहले जमकर मारपीट की और उन्हें में से एक ने फिल्म एक्टर अल्लू अर्जुन की स्टाइल में शब्बीर का कान अपने मुंह में दबाकर काट लिया और उसे चबाकर खा गया।
पीड़ित शब्बीर का कहना है कि पुष्पा फिल्म का दुष्प्रभाव लोगों पर पढ़ रहा है और लोग खुद को बड़ा गुंडा बदमाश समझने लगे हैं और उसी स्टाइल में आकर उन बदमाशों ने उसका कान काट कर चबाया जिसके चलते उसके कान पर लगभग आठ टांके आए हैं। शब्बीर सबसे पहले लालुहान हालात में अस्पताल पहुंचा और अपना इलाज कराया। उसके बाद इंदरगंज थाना पहुंच तीनो बदमाशो के खिलाफ शिकायत की। वही पुलिस ने शब्बीर का मेडिकल कराया जिसके बाद राजू,चंदन और उसके साथी एम ए खान के खिलाफ बीएनएस की धारा 294,323 और 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पीड़ित शब्बीर खान का कहना है कि कैंटीन पर खाने का सामान खरीदने पहुंचा और पैसो को लेकर उसका विवाद कैंटीन में काम करने वाले राजू चंदन और एम ए खान से हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि तीनों ने मिलकर शब्बीर के साथ पहले जमकर मारपीट की और उन्हें में से एक ने फिल्म एक्टर अल्लू अर्जुन की स्टाइल में शब्बीर का कान अपने मुंह में दबाकर काट लिया और उसे चबाकर खा गया।
हां, यह घटना ग्वालियर के काजल टॉकीज सिनेमा हॉल में फिल्म पुष्पा-2 के दौरान घटित हुई। शब्बीर खान नामक व्यक्ति के साथ हिंसक व्यवहार हुआ, जिसमें उसका कान काट लिया गया।
फिल्म में दिखाई गई हिंसा और हिंसक दृश्य कुछ दर्शकों पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि ऐसी फिल्में कुछ लोगों को गलत तरीके से प्रेरित कर सकती हैं।
हिंसक फिल्म दृश्यों के आधार पर समाज में ऐसी घटनाएं दुर्लभ नहीं हैं, लेकिन यह घटना विशेष रूप से फिल्म से प्रेरित होकर हुई प्रतीत होती है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या फिल्में समाज पर जिम्मेदार प्रभाव डालती हैं या नहीं।
पुलिस ने शब्बीर की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज कर लिए हैं और जांच शुरू कर दी है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 294, 323, और 34 के तहत कार्रवाई की गई है।
फिल्में एक रूपक के तौर पर समाज को दर्शाती हैं, लेकिन कुछ दर्शकों के लिए ये वास्तविकता से अलग नहीं होतीं। यह जरूरी है कि समाज इस तरह के दृश्यों का सही संदर्भ में मूल्यांकन करे।
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