(रिपोर्टः सुधीर दंडोतिया) भोपालः आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की परिकल्पना को साकार करने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 2022-23 का बजट पेश किया। 2 लाख उन्यासी हजार 2 सौ 37 करोड़ का.बजट करते हुए राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% कर राज्य के सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। शिक्षा पर भी फोकस करते हुए 13 हजार टीचर्स की नई भर्ती की घोषणा की गई है। इस बार कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया गया है और न ही कोई टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव है। प्रदेश में पहली बार 27 हजार 792 करोड़ का चाइल्ड बजट पेश किया गया है। हालांकि पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं होने पर सरकारी कर्मचारियों को निराशा जरूर हुई। कमलनाथ ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर इसे लागू करने की मांग की।
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मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के हंगामे में बीच वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 2022-23 का बजट पेश किया। बजट भाषण में शिवराज सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री MP को बजट में कई बड़ी सौगात दी। इस बार 55 हजार 511 करोड़ का अनुमानित राजकोषीय घाटा दिखाया है। बजट में जो नई योजनाएं लॉन्च की गई हैं, उन्हें अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। बजट में हर वर्ग को कुछ न कुछ राहत देने की कोशिश की गई है। हालांकि, पेट्रोल-डीजल सहित रसोई गैस पर वैट कम नहीं किए जाने से आम लोगों को निराशा हुई है.. बजट से महंगाई और बढ़ने के आसार हैं। बजट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
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इस बार के बजट में की गई 10 महत्वपूर्ण घोषणाओं पर नजर डालें तो प्रदेश में इस बार कोई नया टैक्स नहीं है। 13 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। एमबीबीएस और नर्सिंग की सीटें बढ़ेंगी। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में 217 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनेंगे। भोपाल के बगरोदा और बैरसिया में उद्योग पार्क बनेंगे। स्पोर्ट्स साइंस सेंटर की स्थापना की जाएगी। गायों की सेवा के लिए नई योजना की शुरूआत की जाएगी तो वहीं प्रदेश में जनजाति विकास निगम बनेगा। इसके अलावा अजा वित्त विकास निगम के लिए 40 करोड़ का प्रावधान किया गया है तो वहीं सागर, शाजापुर, उज्जैन में सोलर प्लांट खोलने की भी घोषणा की गई है।
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हालांकि कांग्रेस ने सदन में पेश हुए बजट को झूठ का पुलिंदा बताया। पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि जनता को धोखा देने वाला बजट है..पिछले बजट के प्रावधानों का कितना उपयोग व क्रियान्वयन हुआ ,उस पर कोई बात नहीं की गई कितने लोगों को रोज़गार दिया। जनता पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले भारी भरकम करों में राहत की मांग कर रही थी लेकिन कोई राहत नहीं। कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा 30 लाख को पार कर चुका है. रोजगार प्रदान करने को लेकर इस बजट में कोई ठोस कार्ययोजना और प्रावधान नहीं है।
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मध्यप्रदेश की जीडीपी देश के सभी राज्यो में सर्वाधिक 19.74% हो गई है। मध्यप्रदेश अर्थव्यवस्था की दृष्टि से देश का सबसे तेज बढ़ने वाला राज्य बन गया है। विपरीत परिस्थितियों में भी विकास दर हासिल करना बड़ी बात है। कुल मिलाकर यह बजट आत्मनिर्भर एमपी का बजट है। जिसमें सभी अंचल के ध्यान रखा गया। बजट में आने वाले चुनावों की झलक साफ़ नजर आती है। हालांकि पर बजट में विपक्ष के आक्रमक तेवर ने बता दिया की सरकार बजट के माध्यम चुनाव की तैयारी में भले ही हो बजट में जिन मुद्दों को शामिल नहीं किया वो चुनाव विपक्ष के लिए बड़े हथियार साबित होने वाले है।