7th Pay Commission in MP Latest Update : भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को पांच महीने का वक्त बचा है इसलिए कर्मचारी अपनी-अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार पर लगातार दबाव बना रहे है। अब कर्मचारी सरकार को अपना वादा याद दिला रहे है। जिसमे सरकार ने कहा था कि जब-जब केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाएगी। तब राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और महंगाई राहत बढ़ाएगी। लेकिन पिछले 5 महीने से महंगाई भत्ते का आदेश नहीं हुआ है क्योंकि केंद्र सरकार ने जनवरी 2023 से 4% महंगाई भत्ते में वृद्धि कर 42% महंगाई भत्ता केंद्रीय पेंशनर को महंगाई राहत दी थी।
7th Pay Commission in MP Latest Update : पांच महीने के लंबे इंतजार से कर्मचारी नाराज है। आकलन के अनुसार कर्मचारियों को वेतन में 620 रु से लेकर 5640 रू महीने तक का नुकसान हो रहा है यानी कर्मचारी 5 महीने में 3100 से 28200 रू तक का नुकसान उठा चुके हैं। वहीं प्रदेश के 12 लाख कर्मचारियों को महंगाई भत्ता महंगाई राहत न देकर इससे सरकार ने 5 महीने में करीब 600 करोड़ रु बचा लिए। राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता, महंगाई राहत समय पर न देने के साथ ही पिछले कई सालों से कर्मचारियों को एरियर भी नहीं दिया जाता है जिससे उन्हें करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है।
कर्मचारियों ने राज्य सरकार से से मांग की है कि जिस प्रकार सरकार केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों को जनवरी-जुलाई में महंगाई भत्ता महंगाई राहत का भुगतान किया जाता है उसी प्रकार राज्य सरकार को भी केंद्रीय तिथि केंद्रीय दर से महंगाई भत्ता महंगाई राहत दी जानी चाहिए। कर्मचारियों ने जनवरी 2023 से कर्मचारियों को 5% महंगाई भत्ता और पेंशनरों को 9% महंगाई राहत प्रदान करते हुए पूर्व की बकाया राशि जीपीएफ खाते में और पेंशनरों को नगद राशि देने की मांग की है।
राज्य सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि हमारी सरकार कर्मचारी हितैषी सरकार है कर्मचारियों के लिए समय समय पर बड़े फैसले लेती है अभी भी वक्त आने पर कर्मचारियों की मांगो पर सरकार विचार करेगी। कर्मचारियों की मांग पर सियासत भी शुरू हो गई है कांग्रेस कर्मचारियों की मांग को जायज बता रही है और सरकार को वादा याद दिला रही है।