रायपुर: Lok Sabha Election 2024 2024 लोकसभा चुनाव के लिए, तैयारी के मामले में बीजेपी, कांग्रेस से दो कदम आगे ही रहना चाहती है। जिस वक्त विपक्षी गठबंधन अपने साथियों को एक करने, सीट शेयरिंग पर फार्मूला बैठाने में जुटा है उस वक्त बीजेपी ने 195 सीटों पर यानि तकरीबन 35 फीसदी सीटों पर उम्मीदवार भी उतार दिए हैं। जिसमें शामिल हैं छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटें बीजेपी के इस कदम के बाद, प्रदेश की सभी 11 सीटों पर चुनौती देने वाले चेहरे सामने आ चुके हैं। जिन्हें देखकर भाजपा ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पार्टी ने वो फार्मूला तय कर लिया है जिस आधार पर वो अपने कैंडिडेट उतारने जा रहे हैं। पार्टी को उम्मीद है कि पार्टी की स्क्रीनिंग कमेंटी की बैठक के बाद जल्द से जल्द उम्मीदवार घोषित हो जाएंगे।सवाल है जो फॉर्मूला पार्टी ने तय किया है उसके लिए खुद पार्टी के दिग्गज नेता तैयार हैं? क्या ये फार्मूला बीजेपी के विजय रथ को रोक पाएगा?
Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव के लिए 195 नामों वाली पहली ही सूची में भाजपा ने, छत्तीसगढ़ के सभी 11 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। जिससे कांग्रेस पर दबाव बढ़ा है। नतीजा पार्टी ने 5 की बजाय 4 मार्च को ही स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की। बीजेपी की लिस्ट देखकर कांग्रेस, अब अपनी रणनीति बदलने जा रही है। एक तरफ बीजेपी ने अपने दो सांसदों को रिपीट किया, तो कई नए चेहरे भी हैं मैदान में सबसे ज्यादा चर्चा है रायपुर संसदीय सीट की जहां से भाजपा ने चौंकाते हुए आठ बार के विधायक और वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पर दांव लगाया।
इसके बाद कांग्रेस भी सभी सीटों पर अपने सीनियर नेताओं को लड़ाने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि कांग्रेस पूर्व CM भूपेश बघेल को राजनांदगांव से, जबकि दुर्ग से ताम्रध्वज साहू, जांजगीर चांपा से शिव डहरिया, रायगढ़ से अमरजीत भगत, सरगुजा से प्रेमसाय सिंह टेकाम, कांकेर से अनिला भेंडिया या मोहन मरकाम को मैदान में उतार सकती है। चर्चा ये भी है कि कांग्रेस रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल के सामने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे को चुनाव लड़ा सकती है। जबकि महासमुंद से पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक उमेश पटेल या राजेश तिवारी को मैदान में उतारा जा सकता है। हालांकि, भाजपा की टिकट सूची से कांग्रेस दबाव में है, इसे खारिज करते हुए PCC अध्यक्ष दीपक बैज का दावा है कि, जल्द उम्मीदवार तय होंगे।
अपने कैंडिडेट्स के सामने आते ही बीजेपी नेता क्षेत्रों में प्रचार की रणनीति पर काम शुरू कर चुके हैं। कांग्रेस में टिकट चयन प्रक्रिया पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता खुद चुनाव लड़ने से डर रहे हैं। कांग्रेस की डूबती नैया में कोई सवार नहीं होना चाहता। तो बीजेपी ताल ठोक कर मैदान में उतर चुकी है, प्रत्याशी मीटिंग्स लेकर जमीन पर प्रचार शुरू कर रहे हैं इधर कांग्रेस टिकट वितरण फॉर्मूला पर अटकी हुई है। अपने पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतारकर कांग्रेस मजबूती से चुनाव लडने का संदेश तो देना चाहती है…पर क्या इसके लिए पार्टी के दिग्गज नेता खुद तैयार हैं। क्योंकि राज्य में इससे पहले हुई मीटिंग में पूर्व मंत्री एक दूसरे के नाम का प्रस्ताव रखते नजर आए थे। सवाल ये भी ये फॉर्मूला कांग्रेस के लिए कितना काम करेगा?