सहारनपुर: saharanpur lok sabha election 2024 देश के 21 राज्यों के 102 लोकसभा सीटों पर पहले चरण का मतदान कल होगा। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीटों सभी की नज़र होगी। उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, कैराना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, नगीना,मुरादाबाद,रामपुर,पीलीभीत लोकसभा पर मतदान होना है।
saharanpur lok sabha election 2024 बात करें सहारनपुर लोकसभा सीट की तो इस सीट का इतिहास बेहद दिलचस्प है। शुरुआती दौर को छोड़ दिया जाए तो इस सीट पर कभी भी एक पार्टी का आधिपत्य नहीं रहा। 2019 में इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने जीत दर्ज की थी, तो 2019 में बीजेपी के राघव लखनपाल ने यहां अपना परचम लहराया था। 2009 में यह सीट एक बार फिर बहुजन समाज पारटी के पास थी, तो 2004 में समाजवादी पार्टी के रशीद मसूद ने यहां से जीत दर्ज की थी। इस तरह देखा जाए तो सहारनपुर की सीट पर लड़ाई हमेशा ही दिलचस्प होती रही है।
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2024 के लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन से कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद चुनाव लड़ रहे हैं जिनकी लड़ाई बहुजन समाज पार्टी के माजिद अली और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राघव लखनपाल से है।
सहारनपुर कृषि उत्पाद की दृष्टि से भारत का एक महत्वपूर्ण केन्द्र भी है। इस जिले के आसपास के क्षेत्र के मुख्य फसलें गन्ना, गेंहू, चावल, कपास और आम शामिल हैं। सहारनपुर में करीब साढ़े 6 लाख मुस्लिम, 5 लाख दलित और 1 लाख जाट मतदाता हैं। सहारनपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। जिनमें बेहट, सहारनपुर नगर, सहारनपुर, देवबंद और रामपुरमनिहारन शामिल हैं। सहारनपुर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बड़ी लोकसभा सीटों में से एक है। यहां कुल 16,08,833 वोटर हैं। इनमें 8,73,318 पुरुष, 7,35,515 महिला वोटर हैं. 2014 में इस सीट पर कुल 74.2 फीसदी वोट डले थे।
बसपा के हाजी फजलुर रहमान 5,14,139 वोटों से जीते
बीजेपी के राघव लखनपाल को 4,91,722 वोट मिले
कांग्रेस के इमरान मसूद को 2,07,068 वोट मिले
बीजेपी के रविंद्र कुशवाहा ने 45.89 फीसदी वोट हासिल करते हुए 3,92,213 मत हासिल किया था। उन्होंने बसपा के रवि शंकर पप्पू को 2,32,342 मतों (27.18%) के अंतर से हराया। रवि शंकर को महज 1,59,871 मत मिले। सपा और कांग्रेस इस संघर्ष में क्रमशः तीसरे और पांचवें पायदान पर रही थी।
इमरान मसूद हैं। जिन्होंने राजनीति में घाट-घाट का पानी पीया है और करीब 20 साल से सियासत कर रहे हैं। साल 2006 में वो सहारनपुर से नगर पालिका परिषद के चेयरमैन बने थे। इसके बाद 2007 में विधानसभा चुनाव हुए.तो निर्दलीय लड़कर मुजफ्फराबाद से विधायक बने। हालांकि इसके बाद उन्होंने 4 बार विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। बड़ी बात ये थी कि हर चुनाव में उन्हें बंपर वोट मिले थे। साल 2012 में नकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और सिर्फ 4 हजार वोट से हार गए। पिछली बार 2019 में भी इन्होंने कांग्रेस के टिकट पर सहारनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और सपा-बसपा के गठबंधन के बावजूद 2 लाख से ऊपर वोट मिले और बीएसपी ने ये सीट जीत ली।