नई दिल्लीः The Kerala Story film द केरल स्टोरी को लेकर एक बार फिर देश की सियासत गरमा गई है। ईसाईयों की सबसे बड़ी कैथोलिक संस्था सायरो मालाबार चर्च इस फिल्म को 14 से 19 साल की ईसाई किशोरियों को दिखाने जा रही है। इसकी स्क्रीनिंग रविवार की प्रार्थना के बाद 500 चर्चों में की जाएगी। ये फिल्म लव जिहाद, धर्मांतरण और आतंकी संगठन ISIS पर केंद्रित है। बीजेपी जहां इस फैसले से खुश है। वहीं कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़े कर रही हैं।
The Kerala Story film केरल की 20 लोकसभा सीटों पर 26 अप्रैल को एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे, जिसमें अब बस 15 दिन का समय बचा है, लेकिन चुनाव से पहले इस राज्य में कुछ ऐसा हो रहा है, जिसने कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों की नींद उड़ा दी है। केरल में ईसाईयों की सबसे बड़ी कैथोलिक संस्था सायरो मालाबार चर्च 14 से 19 साल की ईसाई किशोरियों को द केरल स्टोरी फिल्म दिखाने जा रही है, जिसे पर सियासत गरम है। सवाल ये कि आखिर लोकसभा चुनाव से पहले इसका क्या असर चुनाव में पड़ सकता है।
चर्च के मुताबिक उसका उद्देश्य लव जिहाद रोकना है। चर्च ने 2 से 4 अप्रैल के बीच इडुक्की में 30 जगह फिल्म दिखाई थी। तब कांग्रेस और CPI(M) इसके विरोध में उतर आए थे। पिछले दिनों जब दूरदर्शन ने इस फिल्म का प्रसारण किया, तब कांग्रेस और CPI(M) ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। लव जिहाद का मुद्दा होने से भाजपा चर्च के बचाव में उतरी है। चर्च ने इसका मकसद लव जिहाद और ISIS की भयावहता को दिखाना बताया है। द केरल स्टोरी फिल्म को 5 मई ,2023 को रिलीज किया गया था। इस फिल्म की कहानी केरल में लड़कियों के लव जिहाद और फिर आंतक के मुंह में धकेले जाने को लेकर है। इस फिल्म का तब भी वामपंथी और लिबरलों ने खूब विरोध किया था। फिल्म पर पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रतिबंध भी लगाया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया था। केरल में 18.38% ईसाई वोट हैं। सायरो चर्च का 8 सीटों पर प्रभाव है। हिंदू संगठनों के बाद ईसाई भी फिल्म के समर्थन में आते जा रहे हैं।
खास बात ये है कि सायरो मालाबार चर्च अब तक के चुनावों में ज्यादातर कांग्रेस को समर्थन देता आया है, लेकिन लव जिहाद के मुद्दे पर वो बीजेपी के करीब दिख रहा है। आपको बता दें कि केरल दक्षिण भारत का अकेला ऐसा राज्य है, जहां का सियासी समीकरण कुछ ऐसा है कि बीजेपी कभी अपना खाता तक नहीं खोल पाई है। ऐसे में माना जा रहा है कि द केरल स्टोरी के बहाने ईसाई और हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण का सीधा फायदा बीजेपी को हो सकता है।