The Big Picture With RKM: नईदिल्ली। दिल्ली में दिन भर जो कुछ हुआ, उसे पूरे देश ने देखा। सुबह के बाद एक वीडियो आ गया स्वाति मालीवाल प्रकरण और उनका नाम इन दिनों पूरे देश में चर्चा में है। सीएम हाउस के भीतर का वीडियो बताया गया और उसके बाद फिर पुलिस टीम का रिक्रिएशन के लिए ले जाने वाले वीडियो फोटोस और उसके बाद मंत्री आतिशी का बयान ऐसे कई हिस्से हैं, जो काफी हैरान करते हैं। अब इस चुनाव में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ? इसे कैसे देखते हैं? क्या इसके टाइमिंग के पीछे भी कोई गणित है ?
बीते 13 मई को जब हम बात कर रहे थे, तभी मैंने कहा था कि केजरीवाल बिल्कुल एक इंपैक्ट प्लेयर के तौर पर चुनाव मैदान में आने वाले हैं। इससे चुनाव में एकदम तड़का लगने वाला है, बहुत मजा आने वाला है, लेकिन उस समय मुझे भी नहीं पता था कि इतना मजा आने वाला है। मतलब राजनीतिक गलियारों में जो मजे चल रहे थे उस मजे की बात कर रहा हूं। केजरीवाल के घर पर जो यह पूरा घटनाक्रम हुआ, यह पूरे एक वेब सीरीज की तरह है, जिसका शीर्षक है ”मैं भी कभी आपके करीब थी” अब दर्शक चाहे आप पार्टी को समझ लें, चाहे केजरीवाल को समझ लें, अब दोनों ही फिट हो रहे हैं। अब यह दोनों एक वेब सीरीज की तरह ही चल रहे हैं। आज जो लेटेस्ट एपिसोड रिलीज हुआ, जिसमें कि पार्टी की एक वरिष्ठ नेता ने बरसों से साथ रही स्वाति मालीवाल के सिर पर सारा आरोप मढ़ा दिया और पूरी साजिश के पीछे उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहरा दिया। कि यह सब उनका करा धरा है।
अब तक हम आज का अगर लेटेस्ट एपिसोड मान लें तो इस वेब सीरीज के 9 एपिसोड आ चुके हैं। शुरुआत 13 मई को जब उन्होंने पीसीआर को कॉल किया, हालांकि उन्होंने कंप्लेंट नहीं कराया लेकिन उसके बाद से अचानक से वह गायब हो गई, फिर अगले दिन दूसरे एपिसोड आया जिसमें संजय सिंह जी अवतरित हुए, जो कि एक राज्यसभा के मेंबर हैं, हर जगह केजरीवाल के साथ रहते हैं, क्योंकि जो पहले साथ रहते थे, वह अब जेल में है। इसलिए अब संजय सिंह साथ में हैं। उन्होंने कहा कि यहां ऐसी घटना हुई है, उन्होंने तो इतना कहा कि दुर्व्यवहार हुआ है, बदतमीजी हुई है और इस केजरीवाल ने संज्ञान ले लिया है और उस पर एक्शन लिया जाएगा।
अब जो आज आतिशी का बयान आया है, उससे वह अब पूरी तरह से पलट गईं हैं और उन्होंने इस पर पत्रकारों को जवाब भी नहीं दिया और चली गईं। जब उनसे पूछा गया कि आपके सांसद ये बात कह चुके हैं और वह भी आपकी सांसद थी जिनके साथ एक घटना हुई है। संजय सिंह ने इस घटना के पीछे बिभव कुमार को ही विलेन बताया था, लेकिन तीसरे दिन हम देखते हैं कि वही जो विलेन है वह केजरीवाल और संजय सिंह के साथ लखनऊ में प्रकट हो जाते हैं। पत्रकारों ने जब केजरीवाल से पूछा स्वाति मालीवाल के बारे में, तो उनके चेहरे से भी रंग उड़ गया था, उनके हाव-भाव चेंज हो गए थे और उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वहीं पर अखिलेश ने कह दिया कि अभी उससे बड़े मुद्दे हैं। शायद यही दर्द स्वाति मालीवाल को हुआ होगा, कि मेरे साथ ऐसी घटना हो गई और उनके लिए मेरे साथ हुई घटना कोई मुद्दा नहीं है, इसीलिए उन्होंने शायद पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी। दिल्ली पुलिस जब उनके घर पहुंची तो उन्होंने बकायदा अपना पूरा स्टेटमेंट लिखाया, यह अगला एपिसोड था।
उसके बाद अगले दिन उनको एम्स में जाते हुए देखा गया, उन्होंने एम्स में जाकर अपना पूरा मेडिकल कराया, फिर इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया कि जो मेरे साथ हुआ, बहुत बुरा हुआ, उन्होंने पूरी तरह से सारी चीजों को ट्वीट किया। उसके बाद हम अगले एपिसोड में देखते हैं कि वह कोर्ट गई और धारा 164 के अंदर उन्होंने अपना बयान दर्ज करा दिया। आज शाम होते-होते हमने देखा कि एक वीडियो रिलीज किया गया, उस वीडियो में वे सुरक्षाकर्मियों से बहस करते हुए दिख रही हैं और शायद बिभव कुमार भी उस रूम में हैं, क्योंकि वह वीडियो बहुत क्लियर नहीं है, उस वीडियो से कुछ निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता, कि आखिर उस घर में उस कमरे में क्या हुआ?
इसी वीडियो को बेस बनाते हुए आतिशी ने अपने ही सीनियर संजय सिंह की सारी बातों को झुठला दिया और उस वीडियो को बेस बनाते हुए उन्होंने स्वाति मालीवाल को पूरा दोष मढ़ दिया। स्वाति मालीवाल पिछले 15 साल से उनके साथ काम कर रही हैं, जो उनका एनजीओ था उसमें और भी लोग उनके साथ ही जुड़े हुए हैं। विभव कुमार भी अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने पत्रकारिता का कोर्स किया हुआ है, बिहार के हैं और जब पत्रकारिता का कोर्स कर रहे थे, तब से वह केजरीवाल के साथ जुड़े हुए हैं। अब सवाल यह है कि ऐसा उस दिन क्या हुआ जो कि इतनी बड़ी घटना हुई?
जब तक की यह घटनाक्रम चल ही रहा है। दूसरी तरफ कोर्ट से एक खबर आती है कि पहली बार इस देश में किसी राष्ट्रीय पॉलीटिकल पार्टी को आरोपी बनाया गया है। एक चार्ज शीट ईडी ने दायर की है, जिसमें अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को एक्यूज्ड बनाया गया है, उस पर जो पूरा लिकर स्कैम हुआ है। अब इसका असर क्या होगा ? क्योंकि ऐसा देश में पहली बार हुआ है । अब इसके बाद ईडी इलेक्शन कमीशन को लिख सकती है कि इस पार्टी को डिरजिस्टर कर दिया जाए, यह एक्यूज्ड है, इसका सिंबल और इसकी जो भी सारी प्रॉपर्टी है वह अटैच कर सकती है।
यह जो पूरा घटनाक्रम चल रहा है, इस पर केजरीवाल ने एक शब्द भी नहीं कहा, मेरे इतने लंबे करियर में मैंने इतनी पॉलीटिकल पार्टीज को कवर किया है, इस देश की लगभग सारी पॉलिटिकल पार्टी को कवर किया है, हर राज्य में चुनाव कवर किया है, लेकिन ऐसी पॉलीटिकल पार्टी मैंने भी अपने लाइफ में कभी नहीं देखी जो जिन मुद्दों से जिन चीजों को लेकर उभर कर आए थे आज उससे बिल्कुल उलट कर रही है। झूठी चीज बोली जा रही हैं, मेरे पास शब्द नहीं है कि उनके जो आचरण हैं, वह इतना शर्मनाक हैं। आपकी पार्टी की मेंबर आपकी इतनी पुरानी सहयोगी उसके साथ इतनी बड़ी घटना हो जाए और आप बोले नहीं और अब दूसरों पर सवाल उठाते हैं? पहले आप खुद अपना कर्म ऊंचा करके दिखाइए, उसके बाद आप दूसरे पर सवाल उठा सकते हैं। इसलिए अब यह देखना होगा क्योंकि यह पूरा घटनाक्रम आगे आना बाकी है, अभी इस वेब सीरीज में बहुत कुछ मजेदार तथ्य सामने आने वाले हैं और देखना यह भी होगा कि इस पर कितना एक्शन लिया जाता है और केजरीवाल भी इसमें कितना फंसते हैं ।
पांचवें चरण के चुनाव की बात करें तो पांचवें चरण में यूपी की 14 सीट शामिल हैं, शुक्रवार को मोदी, योगी, शाह, मोहन, सभी जमकर पसीना बहाया। क्योंकि यह चरण बहुत अहम है, उत्तर प्रदेश की सियासत के लिए और देश की सियासत के लिए थी। कल पांचवें चरण का चुनाव खत्म हो जाएगा। आज यूपी में जो कि यूपी की आने वाली सीटें हैं, उसमें दो महत्वपूर्ण सीट हैं जो कि रायबरेली, अमेठी है, अयोध्या है जहां राम मंदिर बना, लखनऊ है, आज पूरी कांग्रेस की फौज रायबरेली और अमेठी में मौजूद थी। वहीं दूसरी तरफ अमित शाह भी थे, मोदी भी थे और राजनाथ सिंह भी थे। आज यूपी में बड़े नेताओं का एक पूरा जमावड़ा था। यह होना भी है क्योंकि जो 14 सीटें हैं वह बहुत महत्वपूर्ण हैं लेकिन इसमें पिछली बार जिन 49 सीटों का चुनाव है उसमें से केवल एक सीट कांग्रेस के पास थी। जिसमें अब राहुल गांधी को विरासत में यह सीट दे दी गई है और सोनिया गांधी ने कहा भी कि मैं यह सीट अपने बेटे को सौंप दी है। तो यह जो उनका पारिवारिक विरासत चली आ रही है, उस पर यह चुनाव है यह भी काफी इंटरेस्टेड है।
इस चरण में अब जो ऑब्जर्व किया जा रहा है कि जिसमें अब लगता है कि बीजेपी के जो नेता हैं उनकी बॉडी लैंग्वेज थोड़ा चेंज हुई है और थोड़ी रिलैक्स नजर आ रहे हैं। आज और कल जितनी भी रैली हुई, उसमें कई भी ऐसे बयान प्रधानमंत्री जी की तरफ से या अमित शाह की तरफ से नहीं आए जिसमें वह पोलेराइजेशन की बात करते हो, या हिंदू मुस्लिम जैसे शब्दों का उपयोग करते हों। इतने दिनों में पीएम मोदी तमाम इंटरव्यू भी दे चुके हैं। उसमें वह हर सवाल का जवाब भी दे चुके हैं। अब बीजेपी को यह लग रहा है कि शुरुआती जो नर्वसनेस थी, वह खत्म हो गई है, अब उनको लगता है कि उनके पास एक कंफर्टेबल मेजोरिटी आ सकती है और इस बार केवल 49 सीटें हैं जिसमें से ज्यादातर बीजेपी के पास हैं जो राज्य हैं वह भी काफी इंपोर्टेंट है। बीजेपी के नेताओं को अवश्य लगने लगा है कि इसके बाद अब रिजल्ट बड़ा बदलाव लाने वाला होगा।
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