#SarkarOnIBC24 : लाल आतंक की जंग.. सुझाव वाला तंज! आखिर कब खत्म होगी नक्सलवाद पर चल रही सियासत? देखें वीडियो

लाल आतंक की जंग.. सुझाव वाला तंज! आखिर कब खत्म होगी नक्सलवाद पर चल रही सियासत? Rhetoric on Naxalism has started once again in Chhattisgarh.

  • Reported By: Rajesh Mishra

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  • Publish Date - May 26, 2024 / 11:52 PM IST,
    Updated On - May 27, 2024 / 12:12 AM IST

रायपुरः Rhetoric on Naxalism छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नक्सलवाद पर बयानबाजी शुरू हो चुकी है। नक्सलवाद के सफाए के लिए गृह मंत्री विजय शर्मा ने पीसीसी चीफ दीपक बैज से सुझाव मांगा है। इस पर पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने तंज कसा कि भाजपा उचित फोरम में आएं तो उन्हें बता दिया जाएगा कि कैसे काम करना है।

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Rhetoric on Naxalism दरअसल साय सरकार का दावा है कि 5 महीने में 120 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया है। वहीं 407 नक्सली अरेस्ट और 404 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इन आंकड़ों को बताकर साय सरकार नक्सल मोर्चे पर बड़ी कामयाबी का दावा करती है। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा एक ओर इस उपलब्धि के लिए जवानों की तारीफ करते हैं तो दूसरी ओर नक्सलियों को मुख्यधारा में शामिल होने की अपील भी। हालांकि कांग्रेस इस पर लगातार सवाल खड़े कर रही है और एनकाउंटर्स को फर्जी बताने पर तुली हुई है। इस पर विजय शर्मा ने नक्सल उन्मूलन के लिए पीसीसी चीफ दीपक बैज से ही सुझाव मांग लिया। उन्होंने कहा कि नक्सल मुद्दे पर सहयोग करना चाहिए सियासत नहीं। झूठे आरोप नहीं लगाएं, क्या करना है ये बताएं। गृह मंत्री विजय शर्मा के सुझाव मांगने पर पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने इसे स्वीकार किया है लेकिन उन्होंने कहा कि भाजपा उचित फोरम में आएं तो उन्हें बता दिया जाएगा कि कैसे काम करना है।

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पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कही थी ये बात

विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दो साल के भीतर नक्सलवाद के खात्मे की गारंटी दी थी। इसमें कोई दो राय नहीं कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद लाल आतंक के खिलाफ ऐतिहासिक कामयाबी मिली है। लेकिन अब भी लड़ाई कई मोर्चों पर जारी है। एक ओर नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने की चुनौती है तो दूसरी ओर इस गंभीर मुद्दे पर सभी सियासत दलों को एक मंच पर लाना बाकी है।