रायपुर: कांकेर मुठभेड़ को लेकर शुरू हुई सियासत थमने का नाम नहीं ले रही। एक दिन पहले पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए थे तो वहीं गुरूवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने नक्सलियों को शहीद बताकर नए बवाल को जन्म दे दिया।
कांकेर के छोटे बैठिया जंगल में 29 नक्सलियों के एनकाउंटर पर अब राजनीति तेज हो गई है। इसकी शुरूआत हुई कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के बयान से जिसमें उन्होंने 16 अप्रैल को मुठभेड़ में मारे गई नक्सलियों को शहीद बताया। उनका बयान सामने के बाद भड़की बीजेपी ने कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया।
बस्तर में 19 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव होना है। उससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता ने मृत नक्सलियों को शहीद बताकर बीजेपी के हाथ में बैठे-बिठाए एक मुद्दा दे दिया। बीजेपी ने बयान के विरोध में ‘सुप्रिया गेट आउट’ कैंपेन शुरू कर दिया है। मामला तूल पकड़ा तो श्रीनेत ने अपने सफाई में कहा कि मेरे बयान को कांट-छांट कर चलाया जा रहा है। कांग्रेस के पूरे नेतृत्व को हमने नक्सली हिंसा में खोया है। हमें नक्सलियों से कोई सहानभूति नहीं है।
इससे पहले प्रदेश के पूर्व CM भूपेश बघेल ने चुनावी माहौल में इस पर मुठभेड़ पर सवाल उठाया था। हालांकि बाद में अपनी सफाई भी दी। अब सवाल ये है कि चुनाव से पहले मुठभेड़ की सबूत मांगकर और फिर नक्सलियों को शहीद बताकर कांग्रेस ने सेल्फ गोल किया है। क्योंकि बस्तर में कुछ घंटे बाद ही वोटिंग होनी है।