भोपाल: Lok Sabha Election छत्तीसगढ़ के बाद अब मध्यप्रदेश में भी चुनावी घमासान आज पूरी तरह थम गया। मालवा-निमाड की 8 सीटों पर वोट डाले गए। वोटर्स ने बढ़ चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया। छिटपुट हिंसक घटनाओं के बीच मतदान शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुआ। मतदान के दौरान इसके कई दिलचस्प रंग भी देखने को मिले।
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Lok Sabha Election मध्यप्रदेश में पिछले कई दिनों से जारी चुनावी घमासान पर विराम लग गया। वोटर्स ने लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभाई। सुबह से ही मतदान केंद्रों के बाहर लंबी-लंबी कतार लगना शुरू हो गई थी। चुनाव आयोग ने वोटर्स की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए। कहीं पिंक पोलिंग बूथ बनाए गए तो कहीं वोटर्स ने भी इसे उत्सव का रूप दे दिया। खरगोन में बैंड बाजे के साथ रामधुन गाते लोग वोटिंग करने पहुंचे।
वरिष्ठ नागरिक ने भी मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। घर से वोट डालने की सुविधा लेने की जगह खुद मतदान केंद्र पहुंचे। देवास में बुजुर्ग महिला व्हीलचेअर से सहारे वोट डालने पहुंची और युवाओं के लिए मिसाल पेश की।
मतदान के दौरान विवाद की स्थिति भी बनी। देवास में मुस्लिम महिलाओं की पहचान के बिना उन्हें वोट डालने देने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया। जिसके बाद तहसीलदार सपना शर्मा ने पंचनामा बनाकर पीठासीन अधिकारी को तत्काल बदलने की कार्रवाई की।
उधर उज्जैन में कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार बूथ क्रमांक 37 पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने BLO पर बीजेपी को वोट दने की अपील करने का आरोप लगाया। वहीं महू के 84 नबंर बूथ पर EVM में खराबी के चलते मतदान प्रभावित हुआ। जिससे वोटर परेशान हुए और कांग्रेसियों ने इसे लेकर हंगामा कर दिया। करीब आधे घंटे बाद EVM को बदला गया।
मतदान के दौरान इसके कई दिलचस्प रंग भी देखने को मिले। खंडवा के एक मतदान केंद्र पर नवविवाहित जोड़ा वोट डालने पहुंचा। निकाह के बाद मुस्लिम जोड़े ने वोट डाला कुछ ऐसी ही तस्वीर धार में भी देखने को मिली। कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के कलमी गांव में शादी से पहले दुल्हन ने मतदान किया। वहीं इंदौर में वोटिंग के दौरान एक मार्मिक तस्वीर नजर आई। इंदौर के अमित सिकरवाल को अपने पिता की अस्थियों के विसर्जन के लिए हरिद्वार जाना था। लेकिन उससे पहले उन्होंने मतदान किया।
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में चुनावी घमासान थम चुका है। हालांकि लोकसभा चुनाव के अभी 3 चरण बाकी है। जिन पर दोनों प्रदेशों के लोगों की नजर बनी रहेगी। साथ ही लोगों को 4 जून का भी बेसब्री से इंतजार रहेगा। जब लोग ये जान पाएंगे की उनके देश की बागडोर कौन सी पार्टी या गठबंधन के हाथों में जाने वाली है।