मंडला : Mandla Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए मंडला सीट आदिवासियों के लिए सुरक्षित है। भाजपा ने इस सीट से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और चार बार के विधायक ओंकार सिंह मरकाम को मैदान में उतारा है। ओंकार सिंह मरकाम 2014 के लोकसभा चुनाव में फग्गन सिंह कुलस्ते के खिलाफ चुनाव लड़े थे और इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लोगों का मानना है कि इस बार मंडला सीट पर दोनों प्रत्याशियों के बीच बेहद रोचक मुकाबला होगा।
Mandla Lok Sabha Election 2024: मंडला सीट का राजनीतिक समीकरण देखा जाए तो आदिवासियों के लिए आरक्षित मंडला सीट में 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता आदिवासी समाज से आते हैं। आदिवासी मतदाता ही मंडला सीट पर हार-जीत में अहम भूमिका निभाते हैं। मंडला लोकसभा सीट 3 जिलों मंडला डिंडोरी और सिवनी जिले में आती है।
मंडला और डिंडौरी जिले की सभी पांच विधानसभा सीटों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले 12 हजार से ज्यादा हैं। बाकी विधानसभा सीटों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले 13 हजार 858 ही कम है। मंडला संसदीय क्षेत्र में शामिल कुल आठ विधानसभा सीटों में से छह विधानसभा सीटें डिंडौरी, शहपुरा, मंडला, निवास, बिछिया व लखनादौन एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं।
Mandla Lok Sabha Election 2024: बात की जाए मंडला सीट के इतिहास की तो स्वतंत्रता के बाद हुए लोकसभा चुनावों में मंडला सीट की राजनीति तीन नेताओं कांग्रेस के मगरू गनु उइके व मोहनलाल झिकराम और बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। साल 1952 से 1971 तक के चुनावों में लगातार कांग्रेस के मंगरू गनु उइके लोकसभा में मंडला संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे।
मंडला लोकसभा सीट में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में परिवर्तन देखने को मिला। साल 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार श्यामलाल धुर्वे ने भारतीय लोकदल के टिकट पर जीत दर्ज करके कांग्रेस का किला पहली बार ध्वस्त किया था। इसके बाद साल 1980 से 1991 तक के सभी चुनावों में कांग्रेस ने फिर मंडला का किला फतह करके इस सीट को अपने पास रखा। 1980 से कांग्रेस के मोहनलाल झिकराम चार बार लगातार सांसद निर्वाचित हुए।
Mandla Lok Sabha Election 2024: लेकिन इसके बाद साल 1996 में भाजपा ने मंडला सीट पर एक बार फिर अपनी पकड़ बनाई। 1996 से अब तक बीजेपी के आदिवासी नेता व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते छह बार मंडला सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं। इस बीच 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कुलस्ते को कांग्रेस के उम्मीदवार बसोरी सिंह मसराम से हार का सामना करना पड़ा था। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते फगन सिंह कुलस्ते एक बार फिर मंडला जिले के सांसद बन गए। इसके बाद से फग्गन सिंह कुलस्ते मोदी मैजिक के सहारे इस सीट को बीजेपी का मजबूत गढ़ बनाए हुए हैं।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के फग्गन सिंह कुलस्ते ने कांग्रेस उम्मीदवार कमल मरावी को हराया था। सातवीं बार सांसद बने कुलस्ते को 7 लाख 37 हजार 266 वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस के कमल मरावी को 6 लाख 39 हजार 592 वोट मिले। कुलस्ते ने कांग्रेस के कमल सिंह मरावी को 97 हजार 674 वोटों के अंतर से हराया था।
Mandla Lok Sabha Election 2024: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, हाल ही में हुए वोधानसभा चुनाव में फग्गन सिंह कुलस्ते को निवास सीट से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद हर तरफ चर्चा थी कि, भाजपा इस बार मंडला लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बदल सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फग्गन सिंह कुलस्ते एक बड़ा आदिवासी चेहरा होने के कारण भाजपा ने एक बार फिर से उनपर भरोसा जताया है और मंडला सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।
वहीं बात अगर कांग्रेस उम्मीदवार ओंकार सिंह मरकाम के बारे में की जाए तो, उन्हें मंडला सीट से हार का सामना करना पड़ा था लेकिन डिंडोरी सीट से विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस ने उन्हें सबसे मजबूत उम्मीदवार माना है।
बताया जाता है कि, विधानसभा चुनाव के दौरान आदिवासी सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा है। इस वजह से मंडला लोकसभा सीट बीजेपी के लिए चिंता का कारण भी है। हालांकि,पार्टी के उम्मीदवार फग्गन सिंह कुलस्ते यहां से सांसद और केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में उनकी हार से बीजेपी को झटका लगा था। फग्गन सिंह कुलस्ते पार्टी का बड़ा आदिवासी चेहरा है। इस वजह से ही भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था।