Tikamgarh Lok Sabha Full History | Lok Sabha Election 2024 | Virendra khatik vs pankaj ahirwar

Tikamgarh Lok Sabha Full History: टीकमगढ़ जहाँ कांग्रेस कभी नहीं हो सकी कामयाब.. तो क्या दफे होगा बराबर हिसाब? देखें इस सीट का समीकरण

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Modified Date: April 17, 2024 / 02:15 PM IST
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Published Date: April 17, 2024 2:13 pm IST

टीकमगढ़: मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड की टीकमगढ़ लोकसभा सीट प्रदेश की राजनीति में काफी अहम है क्योंकि यह सीट पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से सटी हुई है। (Tikamgarh Lok Sabha Full History) यहां पर बॉर्डर इलाका होने की वजह से पड़ोसी राज्य की राजनीति का भी यहां मिला जुला असर दिखाई देता है। यह लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रखी गई है. इस लोकसभा सीट में टीकमगढ़ और निवारी पूरा जिला शामिल हैं जबकि छतरपुर जिले के कुछ हिस्सों को भी इसमें रखा गया है।

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Lok Sabha Election 2024

शामिल हैं 8 विधानसभा

इस लोकसभा का निर्वाचन 2008 के परिसीमन के बाद किया गया था। टीकमगढ़ लोकसभा सीट 2008 में ही असतित्व में आई थी, इसके पहले इस लोकसभा सीट का ज्यादातर हिस्सा खजुराहो लोकसभा में आता था। टीकमगढ़ लोकसभा को भी 8 विधानसभाओं से मिलाकर बनाया गया है। जिसमें टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़, जतारा और खरगापुर, निवारी जिले की पृथ्वीपुर और निवारी, छतरपुर जिले की महाराजपुर, बिजावर और छतरपुर शामिल हैं। इन सभी आठ विधानसभाओं में से 3 पर कांग्रेस का कब्जा है जबकि 5 पर बीजेपी काबिज है।

Tourism Of Tikamgarh

धर्म पर अटूट आस्था

टीकमगढ़ लोकसभा सीट के दर्शनीय स्थलों की बात की जाए तो यहां पूरे मध्य प्रदेश में विख्यात श्री रामराजा का मंदिर है। यह मंदिर अति प्रचीन है और यहां पर भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। यह टीकमगढ़ जिले के ओरछा में है स्थित है। यह बेतवा नदी के किनारे बसा हुआ छोटा सा कस्बा है। यहां पर बुंदेली राजाओं का शासन था उस दौर के यहां आज भी मंदिर और किले देखने को मिलते हैं। यहां पर विख्यात बुंदेली राजा हरदौल की समाधि भी बनी है जिस पर लोगों को विशेष आस्था है। यहां बिजावर में जटाशंकर मंदिर स्थानीय लोगों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है।

Tikamgarh 2019, 2014, 2009 Results

पिछले 3 परिणाम

लोकसभा चुनाव 2009

2008 के परिसीमन के बाद खजुराहो लोकसभा से हटकर अलग अस्तित्व में आयी। टीकमगढ़ सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हुई। बुंदेलखंड की सागर सीट जो पहले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, वो अनारक्षित होने के कारण सागर के लगातार सांसद रहे वीरेन्द्र खटीक को टीकमगढ़ से चुनाव मैदान में उतारा गया। भाजपा प्रत्याशी वीरेन्द्र कुमार को 2 लाख 109 वोट हासिल हुए। वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी वृंदावन अहिरवार के लिए एक लाख 58 हजार 247 मत हासिल हुए और इस तरह वीरेन्द्र कुमार 41 हजार 862 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए।

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लोकसभा चुनाव 2014

लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के बीच वीरेन्द्र कुमार फिर भाजपा प्रत्याशी बने और उन्हें 4 लाख 22 हजार 979 वोट हासिल हुए। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के कमलेश अहिरवार के लिए 2 लाख 14 हजार 248 वोट मिले। इस तरह वीरेन्द्र कुमार 2 लाख 8 हजार 731 वोटों से चुनाव जीत गए।

लोकसभा चुनाव 2019

लोकसभा 2019 में वीरेन्द्र कुमार भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर फिर मैदान में थे। इस बार उन्हें 6 लाख 72 हजार 248 वोट मिले। वहीं उनके निकटम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की किरण अहिरवार को 3 लाख 24 हजार 189 मत मिले। इस तरह वीरेन्द्र कुमार लगातार तीसरी बार 3 लाख 48 हजार 59 मतों से जीत गए।

Virendra khatik vs pankaj ahirwar

इस बार मुकाबला इनके बीच

टीकमगढ़ विधानसभा सीट पर इस बार चुनावी मुकाबला अनुभव बनाम युवा जोश का होने वाला है। एक तरफ भाजपा के दिग्गज नेता वीरेन्द्र खटीक हैं तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने युवा प्रत्याशी पंकज अहिरवार पर दांव लगाया है। (Tikamgarh Lok Sabha Full History) 70 साल के वीरेन्द्र खटीक 7 बार से सांसद हैं और वर्तमान में मोदी सरकार में मंत्री भी हैं। तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी पंकज अहिरवार का ये पहला लोकसभा चुनाव है। पंकज अहिरवार की उम्र 42 साल है। ऐसे में सियासत के लंबे अनुभव और युवा जोश के बीच होने वाले इस चुनावी मुकाबले में कौन किस पर भारी पड़ता है।

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