भोपाल: Morena Lok Sabha chunav 2024 मध्यप्रदेश की मुरैना लोकसभा सीट पर साल 1952 से लेकर 2019 तक 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इस दौरान 11 लोग लोकसभा सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे हैं। हालांकि इनमें से एक भी सांसद श्योपुर जिले से नहीं है। जबकि मुरैना लोकसभा सीट में श्योपुर जैसा बड़ा जिला भी शामिल है। अब इस पर सवाल उठने लगे हैं और सियासत भी गरमा रही है। कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।
Morena Lok Sabha chunav 2024 मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की गिनती प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में की जाती है। 26 साल पहले मुरैना से अलग कर श्योपुर जिले का गठन किया गया था। लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि मुरैना लोकसभा सीट का हिस्सा होते हुए भी आज तक श्योपुर से कोई सांसद लोकसभा नहीं पहुंचा। बीते 67 साल से ऐसी ही स्थिति है। हालांकि अब इस पर बहस छिड़ गई है और सियासत भी हो रही है। जानकार इसके कई कारण गिनाते हैं। जिसमें एक बड़ी वजह श्योपुर के किसी नेता में जनाधार की कमी और दूसरा राजनीतिक दलों का श्योपुर से किसी नेता को टिकट देने से कतराना है। हालांकि हर पार्टी के इसे लेकर अपने तर्क हैं।
ऐसा नहीं है कि श्योपुर से किसी पार्टी ने कभी कोई प्रत्याशी नहीं उतारा 2019 तक कांग्रेस ने 2 बार श्योपुर से प्रत्याशी को टिकट दिया। पूर्व मंत्री रामनिवास रावत दो बार चुनाव लड़े थे 2014 में पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने भी मुरैना संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा। हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली।
किसी भी शहर, जिले और क्षेत्र के विकास में स्थानीय नेताओं की भूमिका अहम होती है। मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां सबसे ज्यादा बार जीती हैं। दोनों भले श्योपुर के विकास में कोई कमी नहीं रहने देने की बात कहे। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि स्थानीय समस्याओं को स्थानीय नेता ही बेहतर तरीके से समझ और सुलझा सकते हैं।