खरगोन: Khargon Lok Sabha Election 2024 देश के 11 राज्यों के 93 लोकसभा सीटों पर 7 मई को मतदान संपन्न हो चुका है। जिसके बाद 13 मई को देश के 10 राज्यों की 96 सीटों पर मतदान होगा। वहीं मध्यप्रदेश में चौथे चरण में देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन, खंडवा की सीटों पर मतदान होने को है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के सबसे विश्वसनीय न्यूज चैलन आईबीसी 24 चुनावी कार्यक्रम चुनावी चौपाल का आयोजन किया है।
Khargon Lok Sabha Election 2024 इस चुनावी चौपाल के जरिए सांसदों के प्रदर्शन और क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की बात को लेकर जनता के सामने रूबरू हुई है। आज हम मध्यप्रदेश के खरगोन लोकसभा सीट के बड़वानी के सेंधवा पहुंचे हुए हैं। हमारी टीम ने खरगोन लोकसभा सीट पर जाकर वहां के विकास और सांसदों के प्रदर्शन और होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर जनता का मूड जानने ककी कोशिश कर रहे हैं।
खरगोन लोकसभा सीट पर वर्तमान में बीजेपी का कब्जा है। इस सीट पर सबसे कम 5 प्रत्याशी मैदान में हैं। यही कारण है कि यहां का चुनाव कांटे का माना जा रहा है। यहां बीजेपी की तरफ से वर्तमान सांसद गजेंद्र पटेल तो वहीं कांग्रेस की तरफ से पोरलाल खरते चुनावी मैदान में हैं।
खरगोन लोकसभा के जातीय समीकरण की अगर बात की जाए ता यहां पर अनुसूचित जाति और जनजाति का खासा दबदबा है। 2019 लोकसभा के मुताबिक यहां लगभग 53.56 फीसदी आबदी अनुसूचित जनजाति के लोगों की है और 9.02 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है।
2019 लोकसभा चुनाव में खरगोन की सीट बीजेपी के खाते में गई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर गजेंद्र सिंह ने करीब 2 लाख 57 हजार 879 मतों से यहां जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस गोविंद मुजाल्दा को हराया था। गजेंद्र पटेल को 772221 और कांग्रेस के गोविंद मुजाल्दा को 570106 वोट मिले थे।
लोगों से हुई चर्चा में अपने सांसद और उनके कामकाज को लेकर आम लोगो की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। यहां की जनता ने बताया कि यहां बेरोजगारी होने के लिए लोग यहां से दूसरे राज्य की ओर पलायन को मजबूर हो रहे हैं। यहां लोगों के रोजगार का कोई साधन नहीं है। जनता का कहना है कि यहां भले ही स्कूल बनाई गई है लेकिन यहां शिक्षक विहीन है, यहां अस्पतालों की बड़ी बड़ी बिल्डिंग जरूर बनी हुई है लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की कोई सुविधा नहीं है।
जनता का कहना है कि यहां कई सरकारी कार्यालयों में कई पद खाली पड़े हुए हैं। लेकिन यहां बेरोजगारों को रोजगार की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। जनता ने कहा कि यहां सेंधवा का अस्पताल बहुत अच्छी है लेकिन ये अस्पताल सिर्फ रेफर के लिए है। यहां की अस्पताल में दिन भर में कई मरीज इलाज के लिए आते है, जिनको बड़वानी रेफर कर दिया जाता है।