Khajuraho Lok Sabha Seat: खजुराहो। मध्य प्रदेश की खजुराहो लोकसभा सीट राज्य की अहम लोकसभा सीट है। बता दें कि खजुराहो लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। चांदला, गुन्नौर, मुरवारा, राजनगर, पन्ना, बहोरीबंद, पवई, विजयराघवगढ़ यहां की विधानसभा सीटें हैं। समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार का पर्चा रद्द होने के बाद यहां से मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी मैदान में नहीं है। इस वजह से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता चुनाव में इंटरेस्ट नहीं ले रहे हैं। हालत ये है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में मायूसी छाई हुई हैं।
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वहीं चुनाव प्रचार में अन्य प्रत्याशियों की तुलना में भाजपा बहुत आगे है, लेकिन वे भी दूर-टू-डोर कैंपेन चलाने की जरूरत नहीं समझ रहे हैं। बता दें कि खजुराहो से भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को फिर से मैदान में उतार रखा है। खजुराहो क्षेत्र से फिलहाल भाजपा को टक्कर देने वाला कोई नजर नहीं आ रहा। भाजपा के इस मजबूत गढ़ को दरकाने के लिए सपा ने चर्चित कांग्रेस से हाथ मिलाया था, लेकिन उनके प्रत्याशी का पर्चा रद्द होने से वीडी शर्मा को एक तरह से वॉकओवर मिल गया है।
माना जा रहा है कि यहां से शर्मा का जीतना तय है। यहां सिर्फ औपचारिकता के लिए ही चुनाव होगा। इसे सूरा सूरत भी माना जा रहा है। वहीं खजुराहो लोकसभा सीट में कुल 14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में दांव पर लगे हैं। यहां मतदान केंद्र 2293 है और इस बार की रण में चुनावी मुद्दे पलायन बेरोजगारी है। लोगों के बीच इसका प्रभाव ज्यादा देखा गया है।
पटेल कुशवाहा और ब्राह्मण जाति का लोकसभा क्षेत्र में काफी प्रभाव है। इन्हीं समाजों के कई कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली है, जिस कारण बीजेपी बहुत ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है। और इंडिया गठबंधन से प्रत्याशी मीरा यादव का फॉर्म निरस्त होने के कारण यहां भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है। परिसीमन के बाद से लगातार इस सीट पर भाजपा चुनाव जीतती आ रही है। पिछले चुनाव में भाजपा के विष्णु दत्त शर्मा है कांग्रेस की कविता सिंह को 496000 से अधिक वोटों से हराया था।
खजुराहो लोकसभा सीट के जातीय समीकरण कुछ उलझे हुए हैं। खजुराहो में बुंदेलखंड के साथ महाकौशल अंचल के इलाके आते हैं।खजुराहो ब्राह्मण और ठाकुरों के वर्चस्व वाली सीट है। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग में यादव और पटेल समुदाय भी निर्णायक स्थिति में हैं। ज्यादातर इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी ब्राह्मण को ही टिकट देते आए हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मुरैना के रहने वाले हैं, लेकिन ब्राह्मण होने के नाते 2019 में खजुराहो सीट से चुनाव लड़े।
Khajuraho Lok Sabha Seat: दूसरे चरण में खजुराहो लोकसभा सीट प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट है। खजुराहो से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा लगातर दूसरी बार चुनावी मैदान में है। चुनावी रिपोर्ट के मुताबिक प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों की मूर्तिकला के लिए मशहूर खजुराहो लोकसभा सीट पर पहला चुनाव साल 1957 में हुआ था। खजुराहो सीट छतरपुर और कटनी जिले के कुछ क्षेत्रों तक फैली हुई है। 1957 में इस सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के राम सहाय ने जीत हासिल की थी।
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2019 लोकशबा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी विष्णु दत्त शर्मा ने जीत हासिल की, उन्हें 8,11,135 वोट प्राप्त हुए थे, तो वहीं दूसरे स्थान पर कांग्रेस की कविता सिंह रहीं, उन्हें 3,18,753 वोट मिले और 40,077 वोटों के साथ सपा प्रत्याशी वीर सिंह पटेल तीसरे स्थान पर थे।
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नागेंद्र सिंह ने कांग्रेस के राजा पटेरिया को हराया था। इस चुनाव में नागेंद्र सिंह को 4,74,966(54.31 फीसदी)वोट मिले थे तो वहीं राजा पटेरिया को 2,27,476(26.01फीसदी) वोट मिले थे। दोनों के बीच हार जीत का अंतर 2,47,490 वोटों का था। वहीं बसपा 6.9 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थी।