इंदौर: नाम वापसी के आखिरी दिन अपना नामांकन वापस लेकर मध्यप्रदेश समेत देशभर की सियासत में भूचाल लाने वाले कांग्रेस के पूर्व उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपने इस कदम को लेकर कई बड़े खुलासे किया हैं। (Why did Akshay Kanti Bam take the name back?) अक्षय कांति ने कांग्रेस के बड़े नेताओं पर सीधा आरोप तो नहीं लगाया लेकिन उन्होंने अपने नाम वापसी के पीछे पार्टी को ही जिम्मेदार ठहरा दिया हैं। उन्होंने इस पूरे मसले पर आईबीसी24 से खास बातचीत की हैं।
अक्षय कांति बम ने बताया हैं कि, उन्हें कांग्रेस संगठन का कोई सपोर्ट नहीं था। मैंने प्रदेश अध्यक्ष, केंद्रीय अध्यक्ष से बात की लेकिन सुना नहीं गया। इतना ही नहीं बल्कि मैने सचिन पायलट की सभा की मांग की लेकिन नहीं दी गई। मुझे पीछे करने के लिए श्रृंखलाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा था। मेरे जनसंपर्क लगातार कैंसल किए जा रहे थे। मैं खुद होकर जनसंपर्क कर रहा था, पार्टी की ओर से कोई साथ नहीं था।
अक्षय कांति बम ने आगे बताया कि उन्होंने 29 अप्रैल की सुबह पिता से चर्चा करने के बाद नामांकन वापस लेने की जानकारी प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से साझा की थी। लेकिन अब मुझे दोष दिया जा रहा हैं। अक्षय कांति ने पूछा कि कांग्रेस ने मोती सिंह पटेल को सब्स्टीट्यूट कैंडिडेट क्यों नहीं बनाया। पूर्व लोकसभा स्पीकर और सांसद सुमित्रा महाजन के इस कदम से नाराजगी के सवाल पर अक्षय कांति ने कहा कि मेरी इतनी औकात नहीं की मैं उनके बयान पर टिप्पणी करूँ।
दरअसल पिछले महीने इंदौर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस लेकर सनसनी मचा दी थी। कांग्रेस ने अपने दूसरे कैंडिडेट्स के नाम पहले ही वापस करा दिए थे लिहाजा उनके सामने कोई पूरक उम्मीदवार नहीं बचा था। (Why did Akshay Kanti Bam take the name back?) कांग्रेस ने बीजेपी पर लोकतंत्र की हत्या करने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए थे। अक्षय कांति के इस कदम के पीछे कैलाश विजयवर्गीय की रणनीति होने की बात कही गई थी। अक्षय कांति ने इसके बाद भाजपा की सदस्यता भी ले ली थी।