नई दिल्लीः Note Makes Record in Indore Seat देश के 97 करोड़ मतदाताओं ने 543 लोकसभा सीटों पर चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कर दिया है। गुजरात की सूरत लोकसभा सीट छोड़कर 542 सीटों पर आज मतगणना हो रही है। सुरक्षा के कड़े बंदोबश्त के बीच सभी मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती की जा रही है। वहीं अब रूझान आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। शुरुआती रूझान के अनुसार पूरे देश में एनडीए 273 सीटों में आगे चल रही है तो वहीं इंडिया गठबंधन 251 सीटों पर आगे चल रही है।
Note Makes Record in Indore Seat बात करें इंदौर सीट की जहां नामांकन वापसी के आखिरी दिन खेला हो गया था, तो यहां नोटा के सामने अच्छे—अच्छे राजनीतिक दल छोटा नजर आ रहे हैं। यहां से भाजपा उम्मीदवार शंकर ललवानी 397273 वोटों से आगे चल रहे हैं। जबकि दूसरे नंबर नोटा हैं, जिसके पक्ष में 81827 वोट पड़े हैं। बता दें कि भारतीय इतिहास में पहली बार नोटा को इतने वोट मिले हैं। इससे पहले देश में सबसे ज्यादा नोटा का रिकार्ड फिलहाल बिहार के गोपालगंज के नाम था। वर्ष 2019 के चुनाव में यहां 51,660 नोटा पड़े थे। इंदौर इस मामले में इस बार रिकार्ड बना सकता है। इसकी वजह है कि प्रत्याशी विहीन कांग्रेस ने नोटा का बटन दबाने की अपील की थी।
लोकसभा चुनाव के नतीजे से पहले एग्जिट पोल्स में PM मोदी तीसरी बार हैट्रिक लगाते नजर आ रहे हैं। एक पोल में तो NDA 400 के पार तक पहुंच रही है। 13 एग्जिट पोल के पोल ऑफ पोल्स में NDA को 365 और INDIA को 145 सीटों का अनुमान है। अन्य को 32 सीटें मिल सकती हैं। इस बार भाजपा 2019 में मिली 303 सीटों का आंकड़ा पार कर सकती है। हिंदी पट्टी के राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली में भाजपा को एकतरफा बढ़त का अनुमान बताया गया है। इन राज्यों की 90% से ज्यादा सीटों पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है।एमपी की 29 सीटों में से भाजपा को 28 से 29 और वहीं राजस्थान में 25 सीटों में से 23 से 25 सीटें मिलने का अनुमान है। पोल के मुताबिक बिहार, झारखंड, राजस्थान और महाराष्ट्र में एनडीए को 29 सीटों का नुकसान संभव है। बंगाल में उलटफेर होता दिख रहा है। यहां भाजपा कुल 42 सीटों में से 26 से 31 सीटें मिलने के आसार हैं। ओडिशा, तेलंगाना में भाजपा दोगुनी सीटें बढ़ा सकती हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को बंपर जीत मिली थी। भाजपा के खाते में 303 और उनके गठबंधन एनडीए को 351 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस सिर्फ 52 सीटों पर सिमट गई थी। वहीं यूपीए को 90 सीटों पर जीत मिली थी। अन्य के खाते में 102 सीटें गई थीं। भाजपा की इस बंपर जीत को मोदी लहर नाम दिया गया था।