इंदौर: Indore Lok Sabha Elections देश में लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण का मतदान 7 मई को खत्म हो चुका है। जिसके बाद चौथे चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश समेत 10 राज्यों की 96 सीटों पर सोमवार यानी 13 मई को चुनाव होना है। जिसका परिणाम 1 जून 2024 को आएगा। वहीं मध्यप्रदेश की तो यहां आठ सीटों पर 13 मई को वोटिंग डाले जाएंगे। जिसमें इंदौर, देवास, उज्जैन, खंडवा, खरगोन, मंदसौर, रतलाम, धार सीट शामिल है।
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Indore Lok Sabha Elections इंदौर का विशेष राजनीतिक महत्व है। इंदौर लोकसभा सीट दशकों से मतों के लिहाज से कांग्रेस के लिए कभी उर्वरा नहीं रही। बीते नौ लोकसभा चुनाव से यहां कमल खिल रहा है, फिर भी कांग्रेस चुनौती देते हुए मैदान में नजर आती थी। मगर इस बार कांग्रेस का कोई प्रत्याशी नहीं है। पार्टी ने अक्षय बम को टिकट दिया था, लेकिन वह भाजपा में शामिल हो गए। इस घटना ने इंदौर में तो कांग्रेस को मैदान के बाहर किया ही, देशभर में पार्टी के बिखरने की गूंज सुनाई दी। अबकी बार इंदौर लोकसभा सीट पर सियासत के अलग समीकरण बनते नजर आ रहे हैं, जहां इतिहास में पहली बार BJP का मुकाबला कांग्रेस से न होकर नोटा से हो रहा है।
मध्य प्रदेश का इंदौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भाजपा का गढ़ कहा जा सकता है। यहां लोकसभा स्पीकर और बीजेपी नेता सुमित्रा महाजन 1989 से लगातार आठ बार से लोकसभा चुनाव जीतती आ रही हैं। वर्तमान में यहां से शंकर लालवानी सांसद है कांग्रेस की बात करें तो आखिरी बार यहां कांग्रेस 1984 में जीती थी जिसमें कांग्रेस के प्रकाश चंद्र सेठी दो लोकसभा चुनाव 1980 और 1984 के जीते थे। इंदौर लोकसभा सीट में दीपालपुर, इंदौर-1, इंदैर-2, इंदैर-3, इंदैर-4, इंदैर-5, राउ और संवेर विधानसभा सीट आती हैं।
इसके पहले एक बार 1977 में भारतीय लोक दल के कल्याण जैन और कम्युनिस्ट पार्टी के होमी एफ दाजी भी 1962 में चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन सबसे ज्यादा दबदबा बीजेपी की सुमित्रा महाजन का रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को रिकॉर्ड मतों से हराया था। 2018 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से पंकज संघवी और बीजेपी से शंकर लालवानी को मैदान में उतारा था लालवानी को उमीद 1 लाख वोट से जितने की थी लेकिन लालवानी 5 लाख 47 हज़ार 754 वोटों से रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल हुई हालांकि ये मोदी का जादू था।
इंदौर लोकसभा में कुल मतदाता?
2019 के संसदीय चुनाव के अनुसार इंदौर संसदीय सीट में कुल मतदाता 27 लाख 84 हज़ार हैं। एससी मतदाताओं की संख्या लगभग 3,93,922 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 17% है. इंदौर संसद सीट पर एसटी मतदाता लगभग 1,11,225 हैं, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 4.8% हैं। इंदौर संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 4,86,610 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 21% है। इंदौर संसदीय सीट पर शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 1,830,581 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 79% है।
इंदौर देश की हाईप्रोफाइल लोकसभा सीटों में से एक है. यहां पर साल 1957 में पहला चुनाव हुआ. कांग्रेस के खादीवाला को इस चुनाव में जीत मिली. 1957 से 1984 तक तो इस सीट पर ज्यादातर कांग्रेस को ही जीत मिली. पर एक बार जब बीजेपी ने सुमित्रा महाजन को इस सीट पर उतारा फिर तो इसके बाद से यह सीट उन्हीं की हो गई. सुमित्रा महाजन ने इंदौर से चुनाव जीत कर यहां भाजपा की नींव मजबूत कर दी. 1989 से 2019 तक, लगातार 30 साल सांसद रहीं. इंदौर लोकसभा में 8 विधानसभाएं हैं जिनमें देपालपुर, इंदौर 1, इंदौर 2, इंदौर 3, इंदौर 4, इंदौर 5, राउ और सांवेर शामिल है.
कुल जनसंख्या – 29,14,760
शहरी आबादी – 79%
ग्रामीण आबादी – 21%
अनुसूचित जाति -17%
अनुसूचित जनजाति – 4%
जनरल/ओबीसी – 79%