Reported By: dhiraj dubay
,कोरबा: कांग्रेस की दिल्ली में मीटिंग जारी हैं। सीईसी देशभर में होने वाले आम चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम पर मंथन कर रही हैं। कांग्रेस की वर्किंग कमेटी फ़िलहाल जिस राज्य के उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा कर रही हैं उनमें छत्तीसगढ़ और मध्यप्रेश प्रमुख है। छत्तीसगढ़ के लिए सीईसी ने दो दिन का समय दिया था। गुरूवार और आज शुक्रवार। इन दो दिनों के भीतर सभी 11 सीटों के लिए नाम फाइनल किये जाने थे। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की कल की बैठक में 11 में से 6 नाम लगभग फाइनल हो चुके हैं। (Korba Loksabha Election 2024 Candidates Latest News) इनमें राजधानी रायपुर सीट समेत राजनांदगांव, कोरबा, जांजगीर, सरगुजा और महासमुंद शामिल हैं जबकि पांच शेष सीटों पर आलाकमान राज्य के नेताओ से आज चर्चा करेगी। सम्भावना हैं कि देर शाम या रात तक सूची भी जारी कर दी जाएँ।
बात छत्तीसगढ़ की उर्जाधानी यानि कोरबा लोकसभा सीट की करें तो यहां कांग्रेस अपने सांसद को रिपीट करने जा रही हैं। यहाँ से सीटिंग सांसद ज्योत्सना महंत फिर से एक बार मैदान में होगी। उनका नाम लगभग तय माना जा रहा हैं। उनका नाम तय होने के पीछे भाजपा के रणनीति का भी प्रभाव हैं। भाजपा ने यहाँ से आश्चर्यजनक रूप से दिग्गज महिला नेत्री सरोज पांडेय को उतारा हैं। भाजपा के इसी गेम प्लान ने कांग्रेस को भी सोचने पर मजबूर कर दिया और इस तरह से कांग्रेस भी यहाँ से एक बार फिर अपनी महिला नेत्री को उतारने का मन बना चुकी हैं। दिल्ली में आलकमान से राज्य के जो नेता विचार-विमर्श कर रहे हैं उनमें पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी प्रमुख दीपक बैज के साथ नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत खुद मौजूद हैं।
बात करें पिछली बार यानी 2019 के लोकसभा चुनाव की तो यहाँ से पहली बार किसी पार्टी ने महिला को टिकट दिया था। तब कांग्रेस राज्य में सत्ता में थी। पार्टी ने ज्योत्सना महंत को सियासत में लाते हुए उन्हें मौक़ा दिया था। ज्योत्सना महंत भी पार्टी के इन उम्मीदों पर खरा उतरी और प्रदेश में पार्टी की लाज बचाते हुए कोरबा सीट से फतह हासिल की। (Korba Loksabha Election 2024 Candidates Latest News) उन्होंने पिछले चुनाव में 5 लाख 23 हजार 310 वोट हासिल किये थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी भाजपा के ज्योतिनंद दुबे को 4 लाख 97 हजार 61 वोट मिले थे। इस तरह 46 फ़ीसदी वोट पाकर ज्योत्सना महंत कोरबा की पहली महिला विधायक बनी थी। हालाँकि कांग्रेस के लिए 2024 में कोरबा पर पार पाना काफी चुनौती भरा होगा। ऐसा इसलिए भी क्योंकि पिछली बार कोरबा लोकसभा के तहत आने वाले 8 विधानसभाओं में से ज्यादातर कांग्रेस के पास थी लेकिन इस बार के विस चुनावों में पार्टी को इस इलाके में तगड़ा झटका लगा हैं। कांग्रेस कोरबा लोकसभा सीट के मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार और मरवाही में से सिर्फ एक यानि रामपुर ही जीत पाई हैं।
जांजगीर से अलग होकर बने कोरबा लोकसभा में पहला चुनाव 2009 में हुए थे। तब डॉ चरण दास महंत को यहाँ से जीत मिली थी। दूसरे चुनाव में देशभर में मोदी लहर थी लिहाजा कांग्रेस के खाते से यह सीट जाती रही और भाजपा के डॉ बंशीलाल महतो यहाँ से सांसद चुने गए। 2014 में उन्होंने डॉ महंत को ही करीब पांच हजार वोटों से मात दी थी। जबकि 2019 में हुए में चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस ने वापसी की और भाजपा से यह सीट छीनने में कामयाब रही। 2019 में कोरबा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशियों समेत 14 उम्मीदवार मैदान में थे। भाजपा और कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी और गोंगपा के प्रत्याशी भी मैदान में थे। हालांकि तब भी सीधी लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच थी। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार कोरबा की इस हाईप्रोफाइल सीट पर किस पार्टी की नारी उम्मीदवार अपनी शक्ति प्रदर्शित कर पाती हैं।