रायपुर: लोकसभा के लिए सात चरणों में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब नतीजे भी करीब हैं। अब कुछ ही घंटों बाद वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। वोटों की गिनती कल सुबह 8 बजे शुरू होगी। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से वोटों की गिनती आसान हो गई है। मंगलवार शाम तक सभी नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने बड़ी तैयारी की है। तो चलिए देखते हैं कि गिनती कैसे होती है और गिनती का एक राउंड कितने समय तक चलता है। भारत में, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 64 के अनुसार, वोटों की गिनती संबंधित चुनाव के लिए संबंधित चुनाव आयोग के रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) के अधिकार के तहत की जाती है। चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर आम तौर पर संबंधित जिले का जिला कलेक्टर होता है। यदि किसी जिले में एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र हैं तो किसी अन्य सरकारी अधिकारी को निर्वाचन अधिकारी बनाया जाता है।
चुनाव अधिकारी करता है सीट का चयन
केंद्रीय चुनाव आयोग चुनावों की घोषणा करते समय वोटों की गिनती की तारीख और समय भी तय करता है। रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) किसी भी मतगणना का स्थान निर्धारित करता है। आम तौर पर किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में वोटों की गिनती एक ही स्थान पर होती है। इसके लिए निर्वाचन अधिकारी के मुख्यालय को प्राथमिकता दी जाती है जो सामान्यतः जिला मुख्यालय होता है। वोटों की गिनती सीधे रिटर्निंग ऑफिसर की देखरेख में होती है। वोटों की गिनती एक बड़े हॉल में की जाती है जिसमें एक बंद जगह में विभिन्न टेबलें लगाई जाती हैं।
प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शुरू होती गिनती
मतदान के बाद ईवीएम मशीनों को जिला मुख्यालय पर एक स्ट्रांग रूम या चुनाव अधिकारियों द्वारा चुने गए सुरक्षित स्थान पर सील कर दिया जाता है। वोटों की गिनती वाले दिन इन्हें स्ट्रॉन्ग रूम से ईवीएम मशीन (EVM) से बाहर निकाला जाता है। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इन ईवीएम मशीनों को उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में खोला जाता है। इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा नियुक्त काउंटिंग सुपरवाइजर (काउंटिंग स्टाफ) वोटों की गिनती करते हैं।