Raigarh lok sabha election result: रायगढ़ में रिकॉर्ड मतों से जीते राठिया, उमेश पटेल भी अपनी विधानसभा में नहीं बचा सके हार

Rathia won with record votes in Raigarh: भाजपा का कहना है कि पूरे देश में मोदी की लहर थी और लोगों ने विष्णु के सुशासन पर भी भरोसा जताया है। नतीजे भाजपा के पक्ष में आए हैं। अब भाजपा विकास के लिए कृत संकल्पित होकर काम करेगी।

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  • Publish Date - June 5, 2024 / 06:19 PM IST,
    Updated On - June 5, 2024 / 06:19 PM IST

BJP won with record votes in Raigarh: रायगढ़। रायगढ़ लोकसभा सीट में इस बार भाजपा ने जीत का सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस सीट पर भाजपा ने 2 लाख 40 हजार 391 वोटों से जीत हासिल की है। खास बात यह है कि इस चुनाव में भाजपा सभी आठों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस से आगे रही है। ऐसे में बीजेपी जीत के बाद काफी उत्साहित है, तो वहीं कांग्रेस हार के कारणों की समीक्षा की बात कह रही है।

दरअसल कल घोषित हुए लोकसभा चुनाव के परिणामों में रायगढ़ लोकसभा सीट में भाजपा एक बार फिर जीतने में कामयाब रही है। इस सीट पर भाजपा ने 2 लाख 41 हजार वोटो से जीत हासिल करते हुए लगातार छठवीं बार जीत का रिकॉर्ड बनाया है। भाजपा प्रत्याशी राधेश्याम राठिया ने इस सीट से जीत के सारे रिकॉर्ड तोड़े हैं। राधेश्याम राठिया ने रायगढ़ सीट से अब तक सबसे अधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया है।

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रिकार्ड को तोड़ते हुए राठिया 2 लाख 41 हजार वोटो से विजयी

इसके पहले सीएम कम विष्णु देव साय ने साल 2014 में 2 लाख 16 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। इस रिकार्ड को तोड़ते हुए राठिया 2 लाख 41 हजार वोटो से विजयी हुए हैं। इतना ही नहीं राठिया ने सभी आठों विधानसभा सीटों में शानदार लीड दर्ज कराई है। विधानसभावार जो आंकड़े सामने आए हैं उसके मुताबिक भाजपा को पूरी लोकसभा सीट में सबसे अधिक रायगढ़ विधानसभा से 68824 वोटों की लीड मिली है। इसके अलावा जशपुर में 43121, कुनकुरी में 39867, लैलूंगा में 34495, धर्मजयगढ़ से 21730, सारंगढ़ से 16 हजार 459 वोटों से जीत हासिल की है। इसके अलावा कांग्रेस के मजबूत और अभेद्य गढ़ खरसिया में भी बीजेपी को इस बार 16643 वोटों से लीड मिली है।

नतीजे आने के बाद भाजपा जहां उत्साहित है, तो वहीं कांग्रेस हार की समीक्षा की बात कह रही है। भाजपा का कहना है कि पूरे देश में मोदी की लहर थी और लोगों ने विष्णु के सुशासन पर भी भरोसा जताया है। नतीजे भाजपा के पक्ष में आए हैं। अब भाजपा विकास के लिए कृत संकल्पित होकर काम करेगी।

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इधर मामले में राजनीतिक विश्लेषकों की अपनी ही राय है। जानकारों का कहना है कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपेक्षाकृत कम मेहनत की। प्रत्याशी चयन में भी त्रुटि रही। नतीजन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थिति खराब रही। कांग्रेस को हार के कारणों को जानने चिंतन की जरूरत है।

आठों विधानसभा सीटों में कांग्रेस की हार

इधर कांग्रेस संगठन भी इस बात को स्वीकार कर रहा है कि आठों विधानसभा सीटों में हार कांग्रेस के लिए अप्रत्याशित है और इसके चिंतन की जरूरत है। कांग्रेस नेता अनिल शुक्ला का कहना है कि पार्टी ने पूरी शिद्दत से मेहनत की फिर भी कहां कमी रह गई? पार्टी इसका चिंतन करेगी। कांग्रेस संगठन ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की जल्द ही बैठक बुलाई है। जिसमें हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। कांग्रेस मजबूत विपक्ष के रूप में काम करने के लिए तैयार है।

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