नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ के सभी 11 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया हैं। पार्टी ने फिलहाल देशभर के 195 प्रत्याशियों के नाम सामने रख दिए हैं। संभावना जताई जा रही हैं कि आज-कल में कर्नाटक के 28 नाम भी जारी कर दिए जायेंगे। इस तरह सत्ताधारी दल भाजपा ने एक बार फिर इस मामले में बाजी मार ली हैं। वही कांग्रेस में बैठकों का दौर जारी हैं। दूसरी तरफ राहुल गांधी खुद भी न्याय यात्रा में व्यस्त हैं। ऐसे में समझा जा रहा हैं कि कांग्रेस की सूची आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने बाद ही सामने आएगी।
बहरहाल अब मतदाताओं की नजर उम्मीदवारों से ज्यादा सियासी दलों के वादों, दावों और घोषणा पत्रों पर हैं। मतदाताओं की खास नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए वादों पर हैं। मतदाता जानने को उत्सुक हैं कि राम मंदिर निर्माण, तीन तलाक का मुद्दा और कश्मीर से धारा 370 जैसे बड़े वादों को पूरा करने के बाद अब भाजपा किन प्रमुख मुद्दों को अपने मेनिफेस्टो यानी संकल्प पत्र में शामिल करेगी?
राम मंदिर भाजपा के लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा रहा हैं। हालांकि अब उसे लेकर किसी तरह की घोषण भी बाकी नहीं रह गई इसलिए वह उनके संकल्प पत्र में नजर ना आएं। इसी तरह धारा 370 और ट्रिपल तलाक भी बड़े वादों में शामिल रहे। लेकिन इनसे अलग अभी भाजपा के तरकश में कई बड़े तीर बाकी हैं। मसलन यूसीसी, सीएए और वन नेशन वन इलेक्शन जैसे वादों के साथ भाजपा 2024 के चुनाव में उतर सकती हैं।
इनमें से तीनों ही विषयों पर पार्टी ने काम भी शुरू कर दिया हैं लेकिन किसी भी कानून को लागू नहीं कराया जा सका हैं। इसी तरह राम मंदिर के विकल्प के तौर पर पार्टी काशी और मथुरा के मुद्दों की तरफ मतदाताओं का ध्यान खींच सकती हैं। इस तरह संभावना जताई जा रही हैं कि राम से निवृत्त होने के बाद भाजपा की नजर ‘महादेव’ पर हैं। यानी बीजेपी काशी के मुद्दे को पूरी ताकत से अपने संकल्प में शामिल कर वोटों की गोलबंदी का प्रयास कर सकती हैं।
अगर बात 2019 की करें तो बीजेपी ने कई प्रमुख संकल्पो को अपने मेनिफेस्टो में शामिल किया था। इनमें 75 संकल्प शामिल थे। इनमें प्रबंधन संस्था, इंजीनियरिंग कॉलेजों और लॉ कॉलेजों में सीट बढ़ाने, सभी घरों को बिजली मुहैया कराने, सभी घरों में पेयजल व शौचालय उपलब्ध कराने, नेशनल हाइवे की संख्या दोगुनी करने, वेस्ट मैनेजमेंट सुनिश्चित करने, 2022 तक सभी रेल पटरियों का ब्रॉड गेज में बदलने, आयुष्मान योजना के तहत 1.5 लाख वेलनेस सेंटर खोलने, 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने, निर्यात को दोगुना करने, 5 किलोमीटर के अंदर बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने, अदालतों के डिजिटाइजेशन का वादा, फोर्सेज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और 2020 तक स्वच्छ गंगा का लक्ष्य प्राप्त करने जैसे वादे शामिल थे।