छिंदवाड़ा: Chhindwara Lok Sabha Election 2024 मिशन 24 के लिए मोदी ने 400 पार का नारा दिया है, तो एमपी कांग्रेस ने मोदी के नारे को सफल बनाने मिशन-29 का नारा दिया है। जिसे पूरा करने बीजेपी इस बार कांग्रेस के सबसे मजबूत गढ़ छिंदवाड़ा को फतह करने प्लान बनाया है। साम, दाम, दंड, भेद, बीजेपी हर वो सियासी पैंतरा चल रही है, जिससे छिंदवाड़ा कांग्रेस मुक्त हो जाए
Chhindwara Lok Sabha Election 2024 मध्यप्रदेश में अगर बीजेपी को क्लीन स्वीप करना है तो उसे कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा को जीतना होगा। बीजेपी भी इस सच्चाई से वाकिफ है लिहाजा कांग्रेस के सबसे मजबूत किले में सेंधमारी के लिए पूरी ताकत झोंक दी है हर वो चुनावी रणनीति अपना रही है, जिससे कांग्रेस और कमलनाथ कमजोर हों।
दरअसल नकुलनाथ फिर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. पूरा नाथ परिवार चुनाव प्रचार प्रसार में जुटा है। इधर बीजेपी भी छिंदवाड़ा को कांग्रेस मुक्त करने माइक्रो लेवल पर काम कर रही है छिंदवाड़ा में खास रणनीति के तहत बीजेपी कमलनाथ के खिलाफ माहौल बनाने पर जोर दे रही है, जिला से लेकर बूथ लेवल पर कमलनाथ को कमजोर करने पर फोकस है, कमलनाथ के करीबी नेताओं पर पार्टी की पैनी नजर है, जनता के बीच मोदी की गारंटी का प्रचार-प्रसार कर रहे नेता, इसके अलावा चुनाव से पहले गुटबाजी को खत्म करने की कोशिश है।
इस बीच कमलनाथ के बेहद करीबी सैयद जाफर, पूर्व विधायक चौधरी गंभीर सिंह रघुवंशी पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस नेताओं के लगातार पलायन को भी बीजेपी नेता मुद्दा बना रहे हैं।
2019 में नकुलनाथ छिंदवाड़ा में बड़े अंतर से नहीं जीते थे।बीजेपी उसी मार्जिन को ध्यान में रखकर स्थानीय और युवा बंटी साहू को नकुलनाथ के सामने उतारा है। कुल मिलाकर इस बार छिंदवाड़ा में टक्कर जोरदार रहने वाला है। कांग्रेस विकास के कमलनाथ मॉडल के साथ मैदान में है तो बीजेपी मोदी की गारंटी के साथ जीत का दावा कर रही है।
बीजेपी किसी भी कीमत में छिंदवाड़ा सीट को जीतना चाहती है, इसलिए विधानसभा चुनाव के बाद ही छिंदवाड़ा में सारे समीकरण को साधने पैंतरे चले हैं कुल मिलाकर 2024 में अपने अभेद किले को कांग्रेस बचा पाएगी या फिर बीजेपी अपनी रणनीति में कामयाब हो पाएगी, ये सब छिंदवाड़ा की जनता ईवीएम का बटन दबाकर तय करेगी।