UP Lok Sabha Chunav Result 2024 : यूपी में इस वजह से भाजपा को झेलना पड़ा तगड़ा नुकसान, सपा और कांग्रेस ने उठा लिया मौके का फायदा

यूपी में इस वजह से भाजपा को झेलना पड़ा तगड़ा नुकसान, BJP had to face heavy loss in UP Due to this reason, Read

  •  
  • Publish Date - June 4, 2024 / 03:01 PM IST,
    Updated On - June 4, 2024 / 03:03 PM IST

लखनऊः UP Lok Sabha Chunav Result 2024  लोकसभा सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में इस बार के आम चुनाव में बड़ा उलटफेर होता हुआ दिख रहा है। 80 सीटों वाले इस राज्य में भाजपा को तगड़ा नुकसान होता दिख रहा है। समाजवादी पार्टी 36, बीजेपी 34 और कांग्रेस 7 सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा की स्मृति इरानी, अनुप्रिया पटेल और चंदौली से महेंद्रनाथ पांडेय जैसे नेता पीछे चल रहे हैं। 2019 में भाजपा उत्तर प्रदेश में तो चलिए जानते हैं इस बार उत्तर प्रदेश में इश बार भाजपा की इतनी बुरी स्थिति क्यों हुई है।

Read More : वरूण धवन और नताशा के घर गूंजी किलकारी, इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया एनीमेटेड वीडियो 

UP Lok Sabha Chunav Result 2024 भाजपा को नुकसान होने का बसपा के वोटों का INDIA अलायंस को ट्रांसफर होना सबसे बड़ा कारण है। अब तक के रुझानों में बसपा पूरे यूपी में शून्य है और उसका वोट प्रतिशत भी महज 9 के करीब है। पिछले चुनाव में सपा को 18 फीसदी वोट ही मिले थे, जो इस बार बढ़कर 31 पर्सेंट हो गए हैं। साफ दिखता है कि बसपा का वोट इस बार सपा के खाते में चला गया।

भाजपा ने अपने उम्मीदवारों को किया रिपीट

सियासी जानकारों का मानना है कि भाजपा ने राज्य में ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवारों को रिपीट किया था, जबकि वहां की जनता इस बदलाव चाहती थी। लेकिन पार्टी ने ऐसा नहीं किया और उन्हें तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा। सुल्तानपुर में मेनका गांधी, चंदौली में महेंद्रनाथ पांडेय जैसे तमाम नेताओं से स्थानीय लोगों की शिकायत थी कि वे क्षेत्र में कम आते हैं। स्थानीय स्तर पर विकास के काम भी कम कराए हैं। इसे दिल्ली के उदाहरण से भी समझा जा सकता है। भाजपा ने दिल्ली में उत्तर पूर्वी क्षेत्र के अलावा सभी सीटों पर कैंडिडेट बदल दिए थे। वहां उसे सीधा फायदा भी दिखा है। इसलिए उम्मीदवारों का रिपीट होना भी एक फैक्टर है।

Read More : Jyotiraditya Scindia Won : ज्योतिरादित्य सिंधिया 4 लाख से अधिक वोटों से जीते, ढह गया कांग्रेस का अभेद्य किला छिंदवाड़ा भी, जानिए 29 सीटों का क्या है हाल

अति आत्मविश्वास भी हो सकता है बड़ा कारण

चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा के लिए ‘400 के पार’ वाले नारे ने फायदे से ज्यादा नुकसान किया है। जानकार मानते हैं कि इस नारे के चलते भाजपा के कार्यकर्ता अति-आत्मविश्वास में आ गए और वोटरों को बाहर निकालने के लिए ज्यादा प्रयास नहीं किए।

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

खबरों के तुरंत अपडेट के लिए IBC24 के Facebook पेज को करें फॉलो