Bihar Exit poll 2024 : लोकसभा चुनाव के सात चरणों के लिए मतदान संपन्न हो गया है। इसी के साथ ही अब टेलीविजन चैनलों पर एग्जिट पोल आना शुरू हो गया है। लोगों को बेसब्री से इस बात का इंतजार है कि देश में अगली सरकार किसकी बनने जा रही है। वहीं, एग्जिट पोल में एनडीए गठबंधन फिर से सरकार बनाने के आंकड़े पेश हो रहे है। बात करें बिहार की तो बिहार में एनडीए जीतती नजर आ रही है।
एग्जिट पोल में एनडीए को मिल रही 32 से 37 सीटें
सर्वे एजेंसी द्वारा जारी किए गए एग्जिट पोल में एनडीए को बिहार में 32 से 37 सीटें मिल रही हैं। बात करें इंडी गठबंधन की तो 02-07 सीटें मिली हैं। वहीं, अन्य को 01 सीट मिली है। हालांकि, अभी अन्य न्यूज एजेंसियों का भी एग्जिट पोल आना बाकी है। बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए की बीजेपी, जेडीयू, लोजपा (आर), उपेंद्र कुश्वाहा की आरएलएम और जीतन राम मांझी की हम पार्टी का मुकाबला इंडिया गठबंधन की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों से है।
2019 में कैसा था रिजल्ट
2019 लोकसभा चुनावों में बिहार की 40 सीटों में से आरजेडी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। तेजस्वी यादव की पार्टी का खाता भी नहीं खुला था। वहीं, एनडीए ने 40 में से 39 सीटों पर विजय प्राप्त किया था और एक सीट कांग्रेस के खाते में आई थी।
तेजस्वी यादव ने किया 295 सीट जीतने का दावा
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी अपना एग्जिट पोल जारी कर दिया है। तेजस्वी यादव का दावा कि इंडी गठबंधन देश में 295 से अधिक सीटें जीतेगा। इंडी गठबंधन के तमाम नेताओं ने यही आंकड़ा जारी किया है।
क्या है एग्जिट पोल्स
एग्जिट पोल्स एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कुछ मतदाताओं से पूछे गए सवालों के आधार पर यह समझने की कोशिश की जाती है कि जनता ने किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट दिया है। एग्जिट पोल्स चुनाव के अंतिम दिन होते हैं, जब वोटिंग खत्म होती है और वोटर्स मतदान केंद्रों से बाहर निकलते हैं, इससे स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर चुनावी परिणामों का अनुमान लगाया जाता है। एग्जिट पोल्स पार्टियों और राजनीतिक विश्लेषकों को चुनावी ट्रेंड्स समझने में मदद करते हैं। इन पोल्स के आधार पर मीडिया चुनाव परिणामों की पूर्वानुमानित रिपोर्टिंग भी करता है। एग्जिट पोल्स करने वाली एजेंसियां लगातार अपनी प्रक्रिया को बेहतर कर रही हैं। जिससे आम तौर पर फाइनल चुनावी नतीजों की झलक तो मिल ही जाती हैय़ कभी-कभी ये अनुमान बिलकुल सटीक भी साबित हुए हैं, लेकिन कई बार ये अनुमान गलत भी हुए हैं और ऐसा होने की गुंजाइश हमेशा रहती है।