#BigPictureWithRKM: हरियाणा में जुदा हुए AAP और कांग्रेस के रास्ते.. आखिर क्यों AAP ने नहीं दिखाई गठबंधन में दिलचस्पी?.. जानें बिग पिक्चर में

कांग्रेस हरियाणा राज्य में गठबंधन भाजपा के खिलाफ चाहती थी। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि हरियाणा में भाजपा के खिलाफ वोटों का बंटवारा हो। राज्य में पहले भी कई अन्य दल हैं जो चुनाव लड़ रहे हैं।

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  • Publish Date - September 9, 2024 / 11:13 PM IST,
    Updated On - September 9, 2024 / 11:13 PM IST

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Big Picture With RKM: रायपुर: मेरा पहले दिन से ही मानना हैं कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन संभव नहीं हैं। खासकर हरियाणा राज्य में। इसके पीछे दो से तीन बड़ी वजहें है। पहला कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार हैं जो कि हरियाणा की सीमा को छूती हैं। इसी तरह पंजाब में भी AAP की ही सरकार हैं जो कि हरियाणा का सीमावर्ती राज्य हैं। आम आदमी पार्टी अच्छी तरह जानती हैं कि कांग्रेस की पकड़ ना ही दिल्ली में है और ना ही पंजाब में। (Why did the alliance between Congress and AAP not happen in Haryana?) खुद हरियाणा में भी कांग्रेस दो-दो चुनाव हार चुकी हैं और वहां एक दशक से भाजपा काबिज है। ऐसे में आम आदमी पार्टी हरियाणा को हाथ से जाने देना नहीं चाहती। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी हरियाणा में भी सरकार बनाने की कोशिश में हैं। इसके लिए आप लम्बे वक़्त से काम भी कर रही है।

दूसरी वजह टिकट वितरण में असहमति। कांग्रेस का मानना था कि उन्होंने इलाके में 50 फ़ीसदी सीटें जीती हैं इसलिए वह तीन सीटें ही AAP को देना चाहती थी जबकि इसके उलट AAP की नजर कम से कम 10 या कहे 11 सीटों पर थी। इस तरह सीट का बंटवारा नहीं हो पाना भी गठबंधन नहीं होने की बड़ी वजह है। गौर करने वाली बात हैं कि इन्ही वजहों से पंजाब में भी दोनों पार्टी साथ नहीं आ सकी थी। AAP हरियाणा में भी सरकार बनाने को लेकर निश्चित हैं। उन्हें लगता हैं कि गठबंधन में मिलने होने वाली सीटों से ज्यादा सीटें वह हरियाणा में अपने दम पर जीत सकती है।

कांग्रेस हरियाणा राज्य में गठबंधन भाजपा के खिलाफ चाहती थी। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि हरियाणा में भाजपा के खिलाफ वोटों का बंटवारा हो। राज्य में पहले भी कई अन्य दल हैं जो चुनाव लड़ रहे हैं। (Why did the alliance between Congress and AAP not happen in Haryana?) लेकिन AAP की सोच हैं कि वह ज्यादा से ज्यादा सीट हरियाणा में जीत सकती हैं।

इस तरह गठबंधन की सम्भावना बिलकुल कम थी और आज आम आदमी पार्टी ने भी अपने उम्मीदवारों का ऐलान करके तस्वीर पूरी तरह साफ़ कर दी।

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