The Big Picture With RKM: रायपुर: झारखण्ड में चुनाव का मैदान अब पूरी तरह से सज चुका है। 20 नवम्बर को होने वाले मतदान के लिए उम्मीदवारों के नाम वापसी का आज आखिरी दिन था। इसके साथ ही यह भी साफ़ हो गया है कि इस चुनावी मैदान में किस नेता के सामने कौन खड़ा है, और किनके बीच मुकाबला है? (What is BJP’s strategy for Jharkhand assembly elections?) इस तरह झारखंड के चुनावी युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। आज इसकी शुरुआत खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी प्रचार के साथ कर दी है। उन्होंने आज चाईबासा और गढ़वा में आम सभा को सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री के आज के इस चुनावी रैली में उन्होंने करीब 23 से 25 सीटों को कवर भी कर लिया।
भाजपा के सामने इस वक़्त सबसे बड़ी चुनौती झारखण्ड में सत्ता हासिल करने की है। कल यानि रविवार को ही अमित शाह ने झारखण्ड के लिए 25 बिंदुओं का घोषणा पत्र जारी करते हुए बताया है कि सत्ता में आने के बाद किस योजना पर काम करेगी। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसे आगे लेकर गए।
‘माटी, बेटी और रोटी’ महत्वपूर्ण मुद्दों पर लड़ा जा रहा है। इनमें हैं माटी, बेटी और रोटी। झारखण्ड में इस वक़्त जो सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनकर उभर रहा है वह है झारखण्ड में बांग्लादेशी घुसपैठियों का। प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपने भाषण में बताया कि किस तरह से बांग्लादेशी नागरिक झारखण्ड में घुसपैठ करते है और आदिवासी बेटियों से शादी करते है और उनके जमीनों पर कब्जा कर लेते है। (What is BJP’s strategy for Jharkhand assembly elections?) इस तरह साफ़ हो गया हैं कि भाजपा के लिए चुनावी मुद्दों में सबसे अहम आदिवासी, महिलायें और युवा है और इसी को लेकर बना है माटी, रोटी और बेटी। इस तरह पीएम ने साफ़ कर दिया है कि सरकार बनने पर बांग्लादेशियों को राज्य से बाहर किया जाएगा। आदिवासी समाज और संस्कृति को उनसे बचाया जाएगा।
महिलाओं को साधने के लिए भाजपा ने राज्य में गोगो दीदी योजना का ऐलान किया है। इसके तहत भाजपा ने वादा किया है कि वह राज्य की महिलाओं को हर महीने 21 सौ रुपये नकद देगी। इसके साथ ही गृहणियों को 500 रूपये में एलपीजी सिलेंडर देने का वादा भी बीजेपी ने झारखंड में किया है। पार्टी ने यह भी बताया है कि रक्षाबंधन और दीवाली में इन सिलेंडरों की सांख्य भी बढ़ाई जाएगी। इस तरह भाजपा ने राज्य की बेटियों यानी महिलाओं को साधने की कोशिश की है। नकद धनराशि देने की योजना मध्यप्रदेश के लाड़ली बहना योजना से प्रभावित है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान झारखण्ड चुनाव के प्रभारी भी है। अपने सम्बोधन में युवाओं को साधते हुए पीएम ने कहा है कि आने वाले दिनों में झारखण्ड के तीन लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी। इसके लिए होने वाली परीक्षाएं पूरी तरह से भ्रष्टाचार से मुक्त और निष्पक्ष होंगे। प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों झारखण्ड के परीक्षाओं में हुए पेपर लीक का भी जिक्र किया है।
पीएम के भाषण में सबसे महत्वपूर्ण यह था कि, उन्होंने अपने भाषण में एक बार भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम नहीं लिया। हालांकि उन्होंने सोरेन सरकार को पूरी तरह से घेरते हुए प्रहार किया। प्रधानमंत्री जानते हैं कि सोरेन परिवार का आज भी आदिवासियों के बीच अच्छी पैठ है और सोरेन परिवार पर हमले से आदिवासी वोटर्स प्रभावित हो सकते हैं। भाजपा किसी भी कीमत पर आदिवासियों को नाराज करना नहीं चाहती। (What is BJP’s strategy for Jharkhand assembly elections?) बात पिछले चुनाव की करें तो राज्य के 28 आदिवासी आरक्षित सीटों में भाजपा ने महज दो सीटों पर ही जीत हासिल की थी और इन्ही वजहों से उन्हें सत्ता से बाहर होना पड़ा था। जाहिर है इस बार भाजपा किसी भी तरह का जोखिम उठाना नहीं चाहती। भाजपा बार-बार आदिवासियों को केंद्र में रखकर ही अपनी बातें रख रही है। वह बता रहे हैं कि सत्ता में वापसी के बाद वह आदिवासियों के विकास, कल्याण, उनके उत्थान के लिए किन योजनाओं पर काम करेगी।