रायपुर: The Big Picture with RKM: शुक्रवार को दिनभर अग्निवीर को लेकर प्रधानमंत्री मोदी हर उस सवाल को आंसर कर चुके हैं जिसे विपक्ष पहले भी उठा चुका है। बीजेपी रोलिंग स्टेट ने भी इस पर कुछ कदम बढ़ाए। सवाल यह है कि क्या अब भी इस मामले पर विरोध का कोई सियासी स्कोप बचा है?
आज हम करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और इस उपलक्ष पर मोदी खुद उस द्रास वैली में पहुंचे थे जो कि उस समय पूरा वॉर का थिएटर था। वहीं पर यह पूरा युद्ध लड़ा गया जो हमारी वहां की चोटियां थी। पाकिस्तान के सैनिकों ने जिस पर कब्जा कर लिया था और हमारे वीर सैनिकों ने उसको छुड़ाकर आज के दिन विजय प्राप्त की थी। आज मैं आईबीसी24 की तरफ से अपने सैनिकों को वीरों को पूरा सम्मान मैं प्रस्तुत करता हूं। लेकिन जो सबसे बड़ी बात आज उस द्रास की मेमोरियल से निकल के आई जो प्रधानमंत्री मोदी ने यह साफ कर दिया कि अग्निपथ योजना जिसके अंतर्गत अग्निवीर को भर्ती किया जाता है सेना में वह बनी रहेगी वह खत्म नहीं होने वाली है हां उसको बेहतर जरूर किया जा सकता है। अब मोदी ने साफ कहा कि यह जो पूरी योजना है यह सेना के द्वारा ही सुझाई गई है। उन्हीं के सहमति से लाई गई है और इसके पीछे जो सबसे बड़ा मकसद था वो था कि अपनी सेना को हमको युवा बनाना है।
पिछले कुछ सालों में अगर हम दुनिया की सेनाओं की औसत उम्र देखें तो वो 26 साल है और भारतीय सेना की जो औसत उम्र 32 साल है तो यह सेना की डिमांड थी कि अब
जो हम युद्ध लड़ रहे हैं वो लद्दाख जैसे रीजन में लड़ रहे हैं या द्रास में करगिल में लड़ रहे हैं जहां पर हमारी सेना और युवा होनी चाहिए तो इसलिए एक ये नई अग्निपथ योजना लाई गई। जिसमें अग्निवीर को भर्ती किया गया जो कि 21 साल तक की उम्र के रहेंगे। पहले सालों में कुछ उम्र में छूट दी गई है तो सरकार का यह मानना है, सेना का यह मानना है कि आने वाले समय में ये सेना युवा हो जाएगी और युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहेगी। दूसरा क्योंकि यह शॉर्ट सर्विस कमीशन है, तो अब जो युद्ध है वह मॉडर्न हो गए हैं वह तकनीक वाले हो गए हैं मॉडर्न टेक्नोलॉजी वाले हो गए हैं जिसके लिए हमें अपनी सेना को मॉडर्न करने के लिए ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है। इससे एक सेना का अनुमान है कि जो पैसा बचेगा वह कम से कम सेना को आधुनिक बनाने में काम आएगा।
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अब इस पर हम आज क्यों चर्चा कर रहे हैं या प्रधानमंत्री ने आज इसका क्यों बचाव किया? इसलिए कि हाल के चुनावों में और संसद में भी अग्निवीर के मुद्दे को बहुत जोर शोर से विपक्ष ने उठाया और उन्होंने इसके ऊपर कई सवाल खड़े किए कई मुद्दे उठाए और कांग्रेस और राहुल गांधी बल्कि कई दूसरी विपक्षी पार्टियों का तो यह मानना है कि अगर वह सत्ता में आए तो उस स्कीम को बंद कर देंगे। लेकिन मोदी के आज के बयान के बाद यह बात पक्की हो गई कि यह स्कीम बंद नहीं होने वाली है।
क्यों स्कीम बंद नहीं होगी उसके मैं आपको कारण बताता हूं देखिए सबसे पहला कारण अगर हम पिछले इतने सालों में प्रधानमंत्री मोदी और उससे पहले मुख्यमंत्री मोदी की कार्यशैली देखें तो अगर कोई वह बड़ा निर्णय लेते हैं तो यह बहुत ही कम और बहुत ही कम ऐसे उदाहरण है अगर किसान कानून के अपवाद को छोड़ दें कि वह अपने निर्णय को वापस लेते हैं। क्योंकि उनका यह कहना है कि वह सोच समझकर जितने भी स्टेकहोल्डर हैं उनसे बातचीत करके ही कोई निर्णय लेते हैं और जब एक बार निर्णय ले लेते हैं तो उससे पीछे हटना एक नामुमकिन सी बात है। दूसरी बात राजनीतिक तौर पर बीजेपी और मोदी ने इस चीज को असेस कर लिया है कि भले ही विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को चुनावों में बहुत उठाया था। लेकिन इससे उनका ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है उनको जो नुकसान हुआ है, वह यूपी में और महाराष्ट्र में ही केंद्रित है और उसके दूसरे कारण हैं। उसका कारण अग्निवीर या युवा उनसे मुंह फेर लिया हो ऐसी कोई बात नहीं।
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तीसरी बात यह जरूर हो सकता है कि इस स्कीम को वो बेहतर करें जैसे कि अभी सेना को 25 पर लोगों को रिटेन करना है, जो अग्निवीर हैं हो सकता है कि उसको बढ़ाकर
40 से 50 प्रतिशत कर दें और 4 साल बाद जब वो सेना से हटेंगे जो बचे हुए 75 पर या 60 पर उनको जो सेना से जब उनका कांट्रैक्ट खत्म होगा तो जो उनको मिलने वाली
सुविधाएं हैं या जो बेसिक सुविधाएं हैं उनमें बढ़ावा हो जाए। तो यह हो सकता है और चौथा आपने देखा कि आज मोदी जी के बचाव करते ही कई सरकारों ने अग्निवीर के लिए कई योजनाएं घोषित कर दी अब जैसे कि अभी अभी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने भी कहा कि पुलिस और सशस्त्र बलों में अग्निवीर को आरक्षण दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी कहा कि अग्निवीर को सेवा के बाद आरक्षक, वन आरक्षक और जेल प्रहरी में भर्ती में प्राथमिकताएं दी जाएंगी और छत्तीसगढ़ सरकार जल्दी से दिशा निर्देश जारी करेगी।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आपने सुना कि यूपी पुलिस और पीएसी में भी अग्निवीर को आरक्षण देने की घोषणा की जाएगी और जहां पर अगर असर पड़ता और 10 से पांच सीटें रह गई। हरियाणा उसने तो बहुत सारी घोषणाएं की है उन्होंने कहा है कांस्टेबल वनरक्षक सहित अन्य पदों की भर्ती में 10 प्रतिशत आरक्षण अग्निवीर को दिया जाएगा। आयु सीमा में भी 3 वर्ष की छूट दी जाएगी और निजी संस्थान यदि अग्निवीर को 30000 या उससे अधिक वेतन देते हैं तो राज्य सरकार जो है उन संस्थानों को प्रति वर्ष सब्सिडी देगी और व्यवसाय शुरू करने वाले अग्निवीर को 5 लाख तक के लोन पर ब्याज मुक्त किया जाएगा। तो यह सारी योजनाएं हरियाणा ने शुरू की है।
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उत्तराखंड जहां से बहुत सारे सैनिक जाते हैं और बहुत सैनिकों में भर्ती होते हैं लगता था कि वहां पर रोष होगा लेकिन चार सीटें बीजेपी जीती उस सरकार ने भी घोषणा की है कि सरकारी नौकरियों में उनको आरक्षण मिलेगा। अग्निवीर को पुलिस और अन्य सरकारी विभागों में भर्ती करने की उत्तराखंड सरकार ने योजना शुरू की है और सैनिक कल्याण विभाग को भी प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए गए हैं साथ ही उनका कौशल प्रशिक्षण भी किया जाएगा तो ये तो अभी शुरुआत है।
मुझे लगता है कि बीजेपी की जितनी भी सरकारें हैं वो अग्निवीर के लिए कार्य करेंगी क्योंकि आज प्रधानमंत्री ने उनको संकेत दे दिया है तो मेरा यह मानना है कि यह स्कीम अच्छी है या इसमें कुछ खामियां हैं, इस पर अलग-अलग मत हो सकते हैं लेकिन एक बात पक्की है कि यह सरकार इस स्कीम को वापस नहीं लेने वाली बल्कि इसको वो बेहतर ही करेगी तो यह बात सही है कि सरकार ने अपनी तरफ से कुछ कदम उठा कर के तय कर दिया है कि वह इसे बंद तो नहीं करेंगे लेकिन हां इस पर अगर कुछ सवाल है तो उनका जवाब देने की कोशिश की जाएगी। लेकिन क्या विपक्ष अपने पुराने ही सवालों पर डटा रहता है और वह कितना सरकार को परेशान कर सकते हैं इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।