Big Picture With RKM: रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का सपना दिखाया है। इन्ही वादों के साथ वह तीसरी बार सत्ता में आये लिहाजा उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां है। यह बजट सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। फिलहाल जो अहम और बड़ी चुनौतियां हैं उनपर हम विस्तार से चर्चा करेंगे।
बात अगर चुनौतियों की करे तो फ़िलहाल सरकार के सामने सबसे बड़ा चैलेंज रोजगार का हैं। पीएम मोदी के सामने सबसे बड़ा सवाल हैं कि देश में इस वक़्त रोजगार कैसे पैदा किया जाएं। इस तरह बजट पर उन्हें मैनुफेक्चरिंग, सर्विस और दूसरे सभी रोजगारोन्मुख क्षेत्रों के लिए उन्हें फैसले लेने होंगे। जाहिर हैं पीएम के फोकस में ये क्षेत्र होंगे।
बजट से जुड़ा दूसरा महत्वपूर्ण और जरूरी मुद्दा देश के भीतर कृषि से जुड़ा हैं। वे देश में किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहते हैं और दावा भी करते है कि सरकार ने यह कर दिखाया है जबकि विपक्ष के दावे इससे उलट है। दूसरा मसला किसानों के आय से, उनके फसलों पर तय की गई एमएसपी यानी समर्थन मूल्य से जुड़ा है। इस मसले पर देश के भीतर अब भी किसान आंदोलनरत है। विपक्ष ने भी एमएसपी जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ा था। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस दिशा में भी सरकार कुछ बड़े फैसले ले सकती है।
तीसरा सबसे प्रमुख सेक्टर डिफेन्स यानि रक्षा का क्षेत्र। यह सर्वविदित है कि भारत ने पिछले एक दशक में डिफेन्स के सेक्टर में शानदार काम किया है। हम सिर्फ रक्षा उपकरणों के मामले में अधिकतम रूप से आत्मनिर्भर ही नहीं हुए बल्कि इन उपकरणों का निर्यात भी किया है। इसलिए अब समय की मांग हैं कि हमें रक्षा के क्षेत्र में पूरी तरफ से आत्मनिर्भर हो जाना चाहिए। हम अपने बजट का बड़ा हिस्सा इस दिशा में खर्च करते हैं। हम अभी भी बड़े पैमाने रक्षा उपकरण आयात करते हैं। संभव हैं, सरकार इस पर भी अपना फोकस रखें।
देश को अगर तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर खड़ा करना है तो सबसे बड़ी जरूरत एनर्जी यानी ऊर्जा से जुड़ी है जिसकी जरूरत भारत को रहेगी। बहुत मुमकिन है कि सरकार इस क्षेत्र में गंभीरता से विचार कर रही है और नवीकरणीय ऊर्जा के विकल्प तलाश रही हैं।
Big Picture With RKM: इसके अतिरिक्त देश की एक बड़ी संख्या करदाताओं की है लिहाजा उनकी नजर भी सरकार के बजट पर होगी। खासकर टैक्स के स्लैब जिन्हें अब बदलने का समय आ गया है। जरूरत इस बात की है कि देश के हर वर्ग यानि उपभोक्ता के हाथों में पैसा हो ताकि वापस वह पैसा उस अर्थव्यवस्था में भेजा जा सके। तो यह सम्भव है कि, टैक्स स्लैब में बदलाव का फैसला सरकार इस बजट में ले।
इससे अलग यह भी संभव है कि हमें एनपीएस पर भी कोई बड़ी खबर सुनने को मिले। देश का एक बड़ा नौकरीपेशा वर्ग ओपीएस की मांग कर रहा है लिहाजा सरकार एनपीएस को और आकर्षित बनाने की दिशा में कोई कदम उठायें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ सके यह मुमकिन है। कहा जा रहा कि सरकार आय 50 फ़ीसदी तक पेंशन देने पर काम कर रही है। विनिवेश बढ़ाने की चुनौती भी सरकार के सामने है।
तो यह साफ़ हैं कि इस बार का बजट 2047 की नींव का बजट होगा। पीएम ने 100 दिनों के विजन की बात कही है तो इस बजट में उनके विजन की झलक देखी जा सकती है। विनिवेश के साथ विनिर्माण बढ़े यह प्रयास होगा। किस तरह आम आदमी को टैक्स से, महंगाई और बेरोजगारी से राहत मिले इसका विजन भी इस बजट में मिल सकता है।