#BigPictureWithRKM: रायपुर। संसद के शीतकाल सत्र का तीसरा सप्ताह शुरू हो चुका है लेकिन हंगामे की वजह से कोई भी महत्वपूर्ण काम इस सत्र में नहीं पूरा हो सका है। शुरुआत में बताया गया था कि इस अहम सत्र में करीब 16 महत्वपूर्ण विधेयक पेश किये जाने है। ये सभी जनता के हित, उनके विकास और कल्याण से जुड़े हुए बिल थे। लेकिन अब तक सिर्फ दो या तीन ही बिल पेश हो पाए। (What is the relationship between Rahul Gandhi and George Soros?) बात करें संसद के भीतर मचे रार की तो अबतक जहां मोदी-अडानी की गूंज सुनाई देती थी तो वही अब इसके बाद ‘विदेशी हाथ’ की भी एंट्री हो गई है।
क्या है विदेशी हाथ?
दरअसल संसद में जिस नए बहस ने जगह बनाई है वह विदेशी हाथ है जॉर्ज सोरोस। अब तक विपक्षी दल पीएम मोदी और कारोबारी अडानी के बीच रिश्तों पर हंगामा कर रहे थे, उन्हें एक बता रहे थे। वही आज पहली बार सत्ता पक्ष ने जॉर्ज सोरोस और सोनिया गाँधी के रिश्तें पर संसद में बहस की मांग कर डाली। इसका विरोध कांग्रेस की तरफ से पुरजोर तरीके से किया गया और यही वजह रही कि हर दिन की तरह आज का संसदीय कामकाज ठप्प रहा।
क्या है जॉर्ज सोरोस-सोनिया गाँधी और कांग्रेस का संबंध?
अब तक कांग्रेस संसद के बाहर और भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी के कथित रिश्तों को लेकर लगातार हमले कर रही थी, आरोप लगा रही थी उनका काट भाजपा नहीं ढूंढ पा रही थी। हमने पिछले दिनों के चर्चा में इस बात का जिक्र किया था कि भाजपा ने जातिगत जनगणना की काट ‘एक है तो सेफ है’ के नारे में ढूंढ लिया था। (What is the relationship between Rahul Gandhi and George Soros?) उन्होंने इनका इस्तेमाल महाराष्ट्र के चुनाव में भी किया जिसका उन्हें गजब का फायदा भी मिला। लेकिन मोदी-अडानी वाले हमले से निबटना भाजपा के लिए हर दिन मुश्किल होता जा रहा था।
दरअसल भाजपा को असली मुद्दा फ्रांस में छपी एक खबर से मिली। इसमें जॉर्ज सोरोस और राहुल गाँधी का जिक्र था। पहले भाजपा जहां इस मामले में दबी जुबान विरोध करती थी तो वही पहली बार बीजेपी ने कांग्रेस को संसद में खुलकर घेरा और उनपर कई गंभीर आरोप भी लगाए। भाजपा ने कहा कि जॉर्ज सोरोस की जुबान ही राहुल गांधी की जुबान है। वह जो बातें प्रधानमंत्री के खिलाफ कहते है वही बातें कांग्रेस के नेता विदेशों में बोलते है। इस मुद्दे पर मुखरता के साथ जिन नेताओं ने संसद में अपनी बातें रखी उनमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और सांसद निशिकांत दुबे प्रमुख नाम रहे। अब तक मोदी-अडानी के पोस्टर संसद में नजर आते थे तो वही आज राहुल गांधी और जॉर्ज सोरोस के पोस्टर आज संसद में नजर आया। और इन्ही वजहों से संसद में फिर जोरदार हंगामा हुआ और संसद हर दिन की तरह नहीं चल पाई।
जॉर्ज सोरोस कौन हैं और भारतीय राजनीति में उनका नाम क्यों आ रहा है?
जॉर्ज सोरोस एक अमेरिकी निवेशक और समाजसेवी हैं। वह अक्सर विश्व राजनीति और समाज में हो रहे बदलावों पर बयान देते हैं। हाल ही में, फ्रांस में छपी एक रिपोर्ट में उनका नाम राहुल गांधी से जोड़ा गया, जिससे भारतीय संसद में विवाद शुरू हो गया।
बीजेपी ने कांग्रेस पर जॉर्ज सोरोस का मुद्दा क्यों उठाया?
बीजेपी ने आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस के बयान और कांग्रेस के नेताओं की बातें एक जैसी हैं। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस विदेशी एजेंडे का समर्थन कर रही है, जो भारत की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
कांग्रेस ने इस आरोप पर क्या प्रतिक्रिया दी?
कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज किया और इसे ध्यान भटकाने की साजिश बताया। (What is the relationship between Rahul Gandhi and George Soros?) उनका कहना है कि यह रणनीति पीएम मोदी और अडानी के रिश्तों पर उठाए जा रहे सवालों से बचने का प्रयास है।
संसद में इससे क्या असर पड़ा?
इस मुद्दे पर जोरदार हंगामे के कारण संसद में विधायी कामकाज ठप्प हो गया। अब तक प्रस्तावित 16 में से केवल 2-3 बिल ही पेश किए जा सके हैं।
क्या यह विवाद आगामी चुनावों पर असर डाल सकता है?
यह विवाद दोनों पक्षों के लिए राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बन सकता है। बीजेपी इसे राष्ट्रवाद और विदेशी हस्तक्षेप के मुद्दे के रूप में पेश कर सकती है, जबकि कांग्रेस इसे सरकार के खिलाफ जारी उनके अभियान से ध्यान भटकाने की चाल बताएगी।