Big Picture with RKM: रायपुर: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के बाद देश में हो रहे पहले विधानसभा चुनाव है। दोनों ही राज्यों में 90-90 विधानसभा सीटें हैं। (How much impact will the results of Haryana elections have on BJP?) ऐसे में अगर दोनों ही राज्यों के परिणामों को लेकर जो एग्जिट पोल सामने आये हैं, अगर परिणाम उनके मुताबिक़ ही रहे तो परिस्थिति अलग होगी लेकिन अगर नतीजे अलग हुए तो भी एक अलग तस्वीर सामने निकलकर आएगी।
अगर चर्चा एक्जिट पोल को ही अंतिम परिणाम मानकर करें तो इसका भाजपा के सरकार या उनके आंकड़ों पर तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन इसका असर हम बीजेपी की सियासत, उनके कार्यकर्ताओं के मनोबल और आने वाले दिनों में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले है वहां के नतीजों पर जरूर देख सकते है। इन दो राज्यों मे महाराष्ट्र और झारखण्ड शामिल है जहां आने वाले दिनों में चुनाव प्रस्तावित है। अगर भाजपा हरियाणा और जम्मू के चुनाव हार जाती है तो इसका पहला असर महाराष्ट्र में देखने को मिलेगा। यहां भाजपा के गठबंधन में सीटों की गणित पर संशय अभी भी बरकरार है। सीएम के चेहरों को लेकर एक असहमति है। चुनावी हार का नतीजा यह भी संभव हैं कि महाराष्ट्र में एनडीए के नेता पलायन कर जाये और उनके गठबंधन पर इसका असर पड़े।
इसका मनोवैज्ञानिक असर दूसरे राज्यों के मतदाताओं पर भी देखने को मिलेगा। इस तरह लोकसभा चुनाव में मिले झटकों के बाद हरियाणा और जम्मू में हार भाजपा की सेहत के लिए किसी लिहाज से सही नहीं होगा।
बात अगर कांग्रेस और उनके गठबंधन की करें तो यह लोकसभा चुनाव के बाद डबल विक्ट्री होगी। सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में देखने को मिलेगा। कांग्रेस ने पिछ्ले लोकसभा चुनाव में यहां आश्चर्यजनक तरीके से महाराष्ट्र में 13 सीटें जीती थी। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल सातवें आसमान पर होगा। (How much impact will the results of Haryana elections have on BJP?) इससे राहुल गांधी को न सिर्फ मजबूती मिलेगी बल्कि उनके नेतृत्व को देशव्यापी मान्यता भी मिलेगी। लेकिन अगर कांग्रेस हरियाणा हार जाये तो पार्टी के भीतर गुटबाजी और जम्मू के हार पर धारा 370 जैसे दलीले सामने होंगी। इन सबके बीच जो सबसे तीखे सवाल होंगे वह भाजपा के शीर्ष नेताओं की क्षमता और उनकी नीतियों पर होगी। अमित शाह के चुनावी चाल पर होगी। वह तो चुनावी चाणक्य माने जाते हैं। क्या भाजपा जो देश के भीतर चुनावी मशीन माना जाता है, उस मशीन में जंग लगना शुरू हो चुका है? यह सभी सवाल खड़े होंगे।
कांग्रेस पर इस जीत का बड़ा असर होगा। राहुल गांधी जो लगातार जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं, उनके इस मांग को मान्यता मिलेगी और खुद राहुल के नेतृत्व को भी मजबूती मिलेगी। बहरहाल हमें दोनों ही राज्यों के चुनावी परिणाम के लिए 8 अक्टूबर का इंतज़ार करना होगा।