नई दिल्ली : Sawan Mahine Ki Jankari : 22 जुलाई सोमवार से भगवान शिव का प्रिय महीना सावन शुरू हो गया है। हिंदू धर्म को मानने वाले लोग सावन शुरू होने के साथ ही धार्मिक कारणों से नॉनवेज खाना छोड़ देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि, सावन के महीने में नॉनवेज नहीं खाने का वैज्ञानिक कारण क्या है। हम आपको बताएंगे कि आखिर सावन के महीने में नॉनवेज नहीं खाने की सलाह क्यों दी जाती है।
Sawan Mahine Ki Jankari : सावन भगवान शिव को बेहद प्रिय समय माना जाता है। देशभर के अधिकांश इलाकों में इस समय जमकर बारिश होती है। 22 जुलाई को सावन का पहला सोमवार था। इस महीने में लोग अपने अपने तरीके से शिव की उपासना करते हैं। हिंदू धर्म में भगवान शिव का स्थान सबसे ऊपर यानी देवों के देव के रूप में है। अब सवाल ये है कि इस महीने में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
Sawan Mahine Ki Jankari : • सावन के महीने में लोग धार्मिक कारणों से नॉनवेज नहीं खाते हैं. लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों सावन के समय नॉनवेज नहीं खाना चाहिए और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण क्या है। बता दें कि मानसून में तेज बारिश होने के कारण हवा में नमी बढ़ जाती है, जिसके बाद फंगल इंफेक्शन, फफूंदी और फंगस का खतरा बढ़ने लगता है। वहीं खाने पीने की चीजें नॉर्मल के मुकाबले जल्दी सड़ने लगती हैं, क्योंकि बरसात में डायरेट सनलाइट और रोशन की कमी रहती है।
• बता दें कि बरसात के दौरान वातावरण में आद्रता बढ़ जाती है, जिससे पाचनशक्ति भी कमजोर होती है। वहीं नॉन वेज फूड्स को पचाने में ज्यादा वक्त लगता है, लेकिन डाइजेश कमजोर होने भोजन पचता नहीं है और पेट संबंधी दिक्कत और फूड प्वाइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।
• वहीं बारिश के कारण कीड़े- मकोड़ों की संख्या काफी बढ़ जाती है। इतना ही नहीं इससे चिकनगुनिया और डेंगू के मच्छर बढ़ने लगते हैं। इसका असर इंसानों के साथ जानवरों पर भी होता है, इसलिए इन मवेशियों के मांस का सेवन शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
• बारिश के समय पानी दूषित होता है। इसका असर मछलियों पर भी पड़ता है, इसलिए बारिश के समय मछली खाने से मना किया जाता है।
• इसके इस समय मछलियां, पशु और पक्षियों के लिए प्रजनन का होता है। ऐसे में अगर कोई गर्भधारण किये हुए जीव को खाता है, तो उसे हार्मोनल समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए बारिश के समय नॉनवेज खाने के लिए मना किया जाता है।