नई दिल्ली : Why Indians drink whiskey with water : आज के समय में भारत के अधिकतर लोग शराब पीते हैं। कोई इसे शौकिया तौर पर पिता है तो किसी की आदत हो चुकी होती है शराब पीने की। कई लोग शराब में पानी मिला कर पीते हैं, तो कई लोग सोडा और कोल्ड्रिंक मिलाते हैं। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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Why Indians drink whiskey with water : शराब में पानी मिलाने का यह चलन भारत में कुछ ज्यादा ही है। हर भारतीय पानी, सोडा, कोक, जूस और कई अन्य प्रकार के पदार्थ शराब में मिलाकर पीते हैं। लेकिन शराब में पानी और अन्य चीजें मिलाकर क्यों पीया जाता है यह शायद बहुत ही कम लोग जानते हैं। आज हमकों बताएंगे की ऐसा क्यों जकिया जाता है। कई लोग इसे मज़बूरी भी बताते हैं।
Why Indians drink whiskey with water : एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बहुत सारी व्हिस्की कंपनियां इसे तैयार करने में molasses या शीरे का इस्तेमाल करती हैं। इस शीरे से आम तौर पर रम बनती है। चूंकि, भारत में फिलहाल इसपर कानूनी रोक नहीं, इसलिए भारतीय मझोले व्हिस्की ब्रांड मॉल्ट के साथ-साथ molasses का भी इस्तेमाल करती हैं।
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Why Indians drink whiskey with water : दरअसल, यह गन्ने से चीनी तैयार करते वक्त बनने वाला एक गहरे रंग का बाइ-प्रोडक्ट है। फर्मटेंशन की प्रक्रिया से गुजरने के बाद इस molasses को डिस्टिल करके शराब तैयार की जाती है। माना जाता है कि अधिकतर IMFL (इंडियन मेड फॉरन लिकर) का बेस इसी से तैयार किया जाता है। ऐसे में जब आप इन इंडियन व्हिस्की को बिना तरल मिलाए सीधे ‘नीट’ पीएंगे तो यह हमारे हलक को चीरते हुए नीचे जाती हुई महसूस होती है। यानी पानी मिलाकर इस कड़वाहट को बैलेंस करना एक बड़ी मजबूरी है। पीने वाले अब ये समझ गए होंगे कि महंगे विदेशी ब्रांड की शराब बिना कुछ मिलाए सीधे नीट गले से उतारना क्यों आसान होता है।
Why Indians drink whiskey with water : रिपोर्ट में व्हिस्की-रम आदि में पानी मिलाने की एक वजह भारतीयों के खानपान की आदत को भी माना गया हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में शराब हमेशा मसालेदार चखने के साथ पिया जाता है। इस तीखेपन को बैलेंस करने के लिए पानी पीने की जरूरत होती है। वहीं, पानी मिली व्हिस्की एक तरह से पानी की तरह ही काम करती है और खाने के तीखेपन को बैलेंस करती है।
भारतीयों के पानी मिलाने की इसी आदत की वजह से भारत में व्हिस्की-रम-वोदका आदि वाइन के मुकाबले ज्यादा पसंद की जाती हैं। दरअसल, वाइन में आइस, सोडा, पानी आदि मिलाने की कोई गुंजाइश नहीं होती। उसे सीधे ही पीना पड़ता है। एक बड़ी वजह यह भी है कि आम भारतीयों में शराब पीने को लेकर अनुशासन नहीं है। शराब को लेकर हमारा माइंडसेट कुछ ऐसा बन चुका है कि हम पीते वक्त मानों यही सोचते हैं कि ”क्या पता कल हो न हो” यानी बोतल खुली है तो इसे खत्म करना एक बड़ी जिम्मेदारी है।
Why Indians drink whiskey with water : शराब पीने और परोसने की एक पूरी की पूरी डिक्शनरी है। ‘नीट’ का मतलब बहुत सारे पीने वाले समझते ही हैं। ‘नीट’ यानी बिना कुछ मिलाए। किसी बार में जब आप नीट ऑर्डर करेंगे तो परोसने वाला शख्स 60 एमएल या 30 एमएल शराब गिलास में सीधे डालकर आपको दे देगा।
हालांकि, भारतीय मौसम नीट पीने के लिए बहुत अनुकूल नहीं क्योंकि गर्मियों में व्हिस्की का सामान्य तापमान भी ज्यादा हो जाता है। इसलिए नीट पीते वक्त कुछ लोग इसमें ‘मेटल आइसक्यूब’ भी डालते हैं ताकि व्हिस्की का तापमान कुछ कम हो जाए। ये मेटल आइसक्यूब शराब के कंसनट्रेशन में बदलाव नहीं करता, जिससे उसका मौलिक स्वाद बना रहता है। वहीं, ‘ऑन द रॉक्स’ यानी ढेर सारी बर्फ के साथ व्हिस्की परोसा जाना। आदर्श स्थिति यह है कि गिलास को आधा बर्फ से भर दिया जाए और उस पर ऊपर से व्हिस्की डाली जाए. कुछ लोग पहले शराब डालकर बाद में बर्फ डालते हैं, जो सही नहीं है।
Why Indians drink whiskey with water : जानकार मानते हैं कि शराब में पानी या कुछ दूसरा तरल डालने से उसका मूल फ्लेवर बिगड़ जाता है। प्रीमियम मिनरल वॉटर भी आपकी महंगे विस्की का स्वाद बिगाड़ देता है। शायद यही वजह है कि विदेशों में अधिकांश लोग बिना कुछ तरल मिलाए ही व्हिस्की को उसके स्वभाविक स्वाद के साथ आनंद उठाते हैं। वहीं, अब भारत में भी महंगी सिंगल मॉल्ट को पीने के लिए खास तरह का पानी बेचा जाने लगा है। यह प्रोडक्ट ‘विस्की ब्लेंडिंग वॉटर’ के तौर पर बाजार में मौजूद है। कहते हैं कि यह खास तरह का पानी शराब के फ्लेवर को और बेहतर कर देता है।