Early Puberty: क्या है अर्ली प्यूबर्टी, जिसकी वजह से कम उम्र में ही बच्चियों को हो रहे पीरियड्स, हर पैरेंट्स को पता होनी चाहिए ये बात

Early Puberty: क्या है अर्ली प्यूबर्टी, जिसकी वजह से कम उम्र में ही बच्चियों को हो रहे पीरियड्स, हर पैरेंट्स को पता होनी चाहिए ये बात

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  • Publish Date - December 12, 2024 / 07:28 PM IST,
    Updated On - December 12, 2024 / 08:27 PM IST

Early Puberty:  हर महिला को अपने जीवनकाल में एक उम्र के बाद पीरियड्स शुरू होते हैं। ये एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इससे इस बात का पता चल जाता है कि महिला में अंडे बन रहे हैं और आगे चलकर वो मां बन सकती है। अमूमन हर महिला की पीरियड्स की शुरूआत अलग-अलग समय पर होती है लेकिन ज्यादातर मामलों में पीरियड्स आने 12 से 15 साल की उम्र में शुरू हो जाते हैं। क्‍या आपको अपने बच्‍चे में समय से पहले प्‍यूबर्टी यानी यौवनावस्‍था के लक्षण महसूस हो रहे हैं। अगर ऐसा है, तो यह चिंता का कारण है।

दरअसल, आज कल कई लड़कियों को उनकी उम्र से पहले ही यानी 9-10 साल की उम्र में ही पीरियड्स शुरू हो जाते हैं ऐसे में कई बार माता-पिता घबरा जाते हैं क्योंकि जाहिर है कम उम्र में बच्चे पीरियड्स के असहनीय दर्द को झेल नहीं पाते हैं। लेकिन इसके लिए बच्चे को मानसिक रूप से तैयार होना बेहद जरूरी है साथ ही वो इस स्थिति को अच्छे से संभालने योग्य हो जाए।

क्या है अर्ली प्यूबर्टी

बता दें कि लड़कियों में 8-13 साल के बीच और लड़कों में 9-14 साल के बीच प्‍यूबर्टी की शुरुआत होती है। इसके चलते बच्‍चों के पीरियड्स और हाइट से जुड़ी समस्याएं सामने आती हैं। इसमें शरीर खुद ही मेच्‍योर होने लगता है और हड्डियों के मजबूत होने के बाद इनका विकास रुक जाता है। ऐसे में इनका शरीर समय से पहले बढ़ने तो लगता है, लेकिन ग्रोथ रुक जाती है।

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अर्ली प्यूबर्टी के कारण

Early Puberty:  बच्चों का एंडोक्राइन केमिकल के संपर्क में आने से अर्ली प्यूबर्टी की संभावना काफी हद तक बढ़ सकती है। एंडोक्राइन एक ऐसा केमिकल है, जो फूड पैकेजिंग, शैंपू, प्लास्टिक की बोतल, लोशन जैसे प्रोडक्ट्स में पाया जाता है। इनका इस्तेमाल करने से बॉडी में केमिकल की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे बच्चे अर्ली प्यूबर्टी का शिकार हो सकते है। इसके अलावा नींद की कमी होने से भी अर्ली प्यूबर्टी के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ऐसे में अच्छी नींद लेना बेहद जरूरी है, जिससे हार्मोनल सिस्‍टम को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। खराब खानपान के कारण बच्चों का फैट तेजी से बढ़ता है। इससे एस्‍ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है, जिससे लड़कियों में प्‍यूबर्टी की शुरुआत ज्यादा देखने को मिलती है।

अर्ली प्यूबर्टी से जुड़ी जरूरी बातें

1.प्रारंभिक यौवन (Early Puberty) क्या है?

प्रारंभिक यौवन तब होता है जब कोई बच्चा सामान्य उम्र से पहले यौवन के शारीरिक और जैविक परिवर्तन अनुभव करता है। यह लड़कियों में आमतौर पर 8 वर्ष की आयु के आस-पास और लड़कों में 9 वर्ष के आस-पास होता है।

2.प्रारंभिक यौवन के लक्षण क्या होते हैं?

प्रारंभिक यौवन के लक्षणों में शारीरिक परिवर्तन जैसे ब्रेस्ट का विकास, शरीर में बालों का उगना, और मासिक धर्म (लड़कियों में) शामिल हो सकते हैं। लड़कों में आवाज़ में बदलाव और शारीरिक वृद्धि के संकेत होते हैं।

3.प्रारंभिक यौवन के कारण क्या हो सकते हैं?

प्रारंभिक यौवन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें आनुवंशिक कारण, हार्मोनल असंतुलन, या कोई स्वास्थ्य समस्या जैसे मस्तिष्क के ट्यूमर या गर्भाशय में विकार शामिल हैं।

4.क्या प्रारंभिक यौवन का इलाज संभव है?

हां, प्रारंभिक यौवन का इलाज संभव है, और यह आमतौर पर चिकित्सक द्वारा हार्मोनल उपचार या अन्य उपचार विधियों के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। उपचार की विधि का निर्धारण स्थिति के आधार पर किया जाता है।

5.क्या प्रारंभिक यौवन से मानसिक प्रभाव हो सकते हैं?

हां, प्रारंभिक यौवन से मानसिक और भावनात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे कि आत्मविश्वास की कमी या मानसिक तनाव। इसलिए, इस स्थिति में बालक या बालिका का मानसिक समर्थन भी महत्वपूर्ण है।

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