नई दिल्ली: symbiosexuals means in hindi समाज के हर वर्ग के लिए एक अलग स्थान, काम और दर्जा दिया गया है। समाज में स्त्री और पुरुष का अलग स्थान है और अब लगभग सभी देशों ने तृतीय लिंग के तौर पर LGBTQ+ को पहचान दे दी है। लेकिन इस बीच एक ऐसा वर्ग है जो इन दिनों जमकर ट्रेंड कर रहा है और वो है सिम्बियो सेक्सुअल। हैरानी की बात तो ये है कि ये न तो ये गे हैं, न ही लेस्बियन और न ही होमोसेक्सुअल। हैरानी की बात तो ये है कि इनका इंटीमेट होने का तरीका भी सभी से बेहद अलग है।
symbiosexuals means in hindi मिली जानकारी के अनुसार सिम्बियो सेक्सुअल लोग न तो पुरुषों से आकर्षित होते हैं और न ही महिलाओं की ओर। इनका टारगेट ही अलग होता है और इनका संबंध बनाने का तरीका भी बेहद अलग है। इस नई सेक्सुएलिटी में व्यक्ति किसी ऐसे जोड़े की तरफ आकर्षित होता है, जो पहले से ही एक दूसरे के साथ रिश्ते में है। हैरानी की बात तो ये है कि सिम्बियो सेक्सुअल लोगों को किसी से कोई लगाव भी नहीं होता। इनका सिर्फ एक ही मकसद होता है, सिर्फ और सिर्फ संबंध बनाना। इस बात का खुलासा एक शोध में हुआ है।
दरअसल अमेरिका में सिएटल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने जो थ्योरी दी है उसमें इस नई सेक्सुएलिटी का खुलासा हुआ है। इस शोध को करने वाली प्रोफेसर डॉ. सैली जॉनस्टन का कहना है कि जितना हम कामुकता के बारे में जानते हैं वो पूरा नहीं है, इसमें जानने के लिए और भी बहुत कुछ है। शोध में सामने आया कि जिस व्यक्ति को पता होता है कि वो सिम्बियोसेक्सुअल है तो उसको दो लोगों के बीच में तालमेल बैठाना अच्छा लगता है। मतलब वो इस जोड़े के साथ रिश्ते में आना पसंद करता है। इस तरह के केस हर तरह के लोगों में देखने को मिले हैं।
बताया गया कि प्लेजर स्टडी में कई विषयों पर 65 सवालों का एक सर्वे किया गया। जॉनस्टन ने उन लोगों की प्रतिक्रियाओं पर ध्यान दिया जिन्होंने कहा कि वे एक व्यक्ति के बजाय एक जोड़े की तरफ आकर्षित होते हैं। अध्ययन में 373 प्रतिभागियों में से कम से कम 145 ने इस प्रकार के आकर्षण पर सहमति जताई। इस शोध में शामिल समलैंगिक (90% से ज्यादा) और पोलियामोरोउस (जो एक से ज्यादा लोगों से संबंध रखते हैं) (87.5%) थे। जिसमें ज्यादातर प्रतिभागी श्वेत, मध्यम वर्ग के थे और अच्छी डिग्री वाले थे।