Muharram Wishes in Hindi
फिर आज हक़ के लिए जान फिदा करे कोई
वफ़ा भी झूम उठे यूँ वफ़ा करे कोई
नमाज़ 1400 सालों से इंतज़ार में है
हुसैन की तरह मुझे अदा करे कोई
क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने
सजदे में जाकर सिर कटाया हुसैन ने
नेजे पे सिर था और ज़ुबान पे आयतें
कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने।
Muharram wishes in Hindi
शमशेर से मोला ने कहा चला मगर ऐस
हो ख़ैबर-ओ-खंडक मैं भी हाल चाल मगर ऐसे
इस मेह्दान में रहे मौत की जाल थल मगर ऐसे
इस दश्त मैं रहे खून की दलदल ऐसे
तू जिस पे उत्तर गए मैं उस का वाली हूँ
वोह सिर्फ अली था मैं हुसैन इब्न ए अली हूँ
खून से चराग-ए-दीन जलाया हुसैन ने
रस्म-ए-वफ़ा को खूब निभाया हुसैन ने
एक बूंद भी पानी ना पाया हुसैन ने
लेकिन कर्बला को खून पिलाया हुसैन ने
लड़खड़ाते हैं कदम हालाते ‘रोजे’ में थोड़ा चलने के बाद
कैसे चला होगा काफिला ‘कर्बला’ में हुसैन की शहादत के बाद।
एक दिन बड़े गुरूर से कहने लगी जमीन
है मेरे नसीब में परचम हुसैन का
फिर चाँद ने कहा मेरे सीने के दाग देख
होता है आसमान पर भी मातम हुसैन का।
दश्त-ए-बाला को अर्श का जीना बना दिया
जंगल को मुहम्मद का मदीना बना दिया
हर जर्रे को नज़फ का नगीना बना दिया
हुसैन तुमने मरने को जीना बना दिया
हुसैन तेरी अता का चश्मा दिलों के दामन भिगो रहा है
आसमान में उदास बादल तेरी मोहब्बत में रो रहा है।
गुरूर टूट गया कोई मर्तबा न मिला
सितम के बाद भी कुछ हासिल जफा न मिला
सिर-ऐ-हुसैन मिला है यजीद को लेकिन
शिकस्त यह है की फिर भी झुका हुआ न मिला।
हुसैन तेरी अता का चश्मा दिलों के दामन भिगो रहा है
ये आसमान में उदास बादल तेरी मोहब्बत में रो रहा है
सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्श वाला
तू धीरे गुजर यहाँ मेरा हुसैन सो रहा है
क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने
सजदे में जा कर सिर कटाया हुसैन ने
नेजे पे सिर था और ज़ुबान पे आयतें
कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने।
पानी की तलब हो तो एक काम किया कर
कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर
दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत
जालिम हो मुक़ाबिल तो मेरा नाम लिया कर
वो जिसने अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया
घर का घर सुपर्द-ए-खुदा कर दिया
नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम
उस हुसैन इब्ने-अली पर लाखों सलाम।
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