नई दिल्ली: IAS Pari Bishnoi Become Saint देश में महिला आईएएस अफसरों की सक्सेस स्टोरी या उनके काम काज की जमकर चर्चा होती है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि आज भी महिलाओं को पुरुषों से कम आंका जाता है, लेकिन आज के समय में महिलाएं पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। तो चलिए आज हम आपको एक ऐसी महिला आईएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो IAS बनने से पहले साधू बन गईं थी।
IAS Pari Bishnoi Become Saint दरअसल हम बात कर रहे हैं कि IASअधिकारी परी बिश्नोई की। परी बिश्नोई IAS Pari Bishnoi का जन्म राजस्थान के बीकानेर जिले के काकड़ा गांव में हुआ था। उनकी मम्मी फिलहाल जीआरपी में एक पुलिस अधिकारी हैं और उनके पापा मनीराम बिश्नोई एक वकील हैं। वहीं, परी के दादा गोपीराम बिश्नोई अपने गांव काकड़ा के चार बार सरपंच रह चुके हैं।
IAS अधिकारी परी बिश्नोई ने अजमेर के सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से अपनी स्कूली पढ़ाई की है। इसके बाद वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वुमेन में से ग्रेजुएशन की। वहीं, बाद में परी ने MDS यूनिवर्सिटी, अजमेर से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। वहीं, IAS परी ने नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट-जूनियर रिसर्च फैलोशिप पास किया। परी ने ग्रेजुएशन करने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और तीसरी बार में परी ने UPSC एग्जाम पास करके 30वां स्थान हासिल किया। इसके बाद वह एक IAS (CSE 2019) अधिकारी बनीं।
इधर, IAS अधिकारी परी बिश्नोई की मां ने एक इंटरव्यू मे बताया कि परी ने यूपीएससी की तैयारी करने के लिए सारे सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिए थे और इस दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी बंद कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस टाइम पर परी ने बिल्कुल साधु वाला जीवनयापन किया और इसके बाद वह एक IAS ऑफिसर बनीं।