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Cheating in Sex, Stealthing stories: सेक्स में चरम सुख की जमकर चर्चा होती है और इस बात पर रिसर्च और बहसें होती हैं कि इस चरम सुख को बढ़ाने के लिए क्या किया जाए। इसी मुद्दे से जुड़े स्टेल्थिंग के बारे में भारत में ज़्यादा बात नहीं होती ( Stealthing in India) । स्टेल्थिंग का मतलब होता है (Meaning of Stealthing), सेक्स के दौरान पुरुष का अपने पार्टनर की सहमति के बगैर धोखे से कंडोम हटा देना।
एक अध्ययन में ऐसे पुरुषों की संख्या काफी मिली है, जिन्होंने अपने पार्टनर से बिन बताए अनसेफ सेक्स किया। हमारे देश में भले इस पर हिचक कायम हो, लेकिन विदेश में पिछले कुछ बरसों से सेक्स स्टेल्थिंग पर चर्चा (Discussion on Stealthing) शुरू हो गई है।
अमेरिका में कैलिफोर्निया असेंबली ने तो इस मामले को लेकर एक क़ानून भी पास कर दिया है, जिसमें स्टेल्थिंग को अपराध( Stealthing is Crime) माना गया और कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। न्यूज़ीलैंड का एक उदाहरण भी हमारे सामने है। जर्मनी में भी एक पुलिसवाले को इस तरह के केस में सजा मिली है।
पुरुष यह धोखेबाजी या स्टेल्थिंग करते क्यों है जब हम इसका जवाब खोजते हैं तब हम पाते है कि इसका एक कारण है कि कंडोम से नफरत। सेक्स मामलों के एक्सपर्ट की मानें तो कंडोम लगाने से सेंसिटिविटी में कमी आने के चलते पुरुष इससे परहेज करते हैं। कंडोम लगाने के बाद पुरुषों को सेक्स में वह चरम सुख नहीं मिलता(condoms reduce pleasure), जो बिना कंडोम के मिलता है।
मनोविज्ञानियों के अनुसार ‘कंडोम लगाकर सेक्स करने में मजा नहीं आता। ऐसे लोग ही पार्टनर को दिखाने के लिए पहले कंडोम लगा लेते हैं। लेकिन, क्लाइमेक्स तक पहुंचने से पहले उसे हटा देते हैं, क्योंकि उनको लगता है कि कंडोम बेहतर सेक्स में रुकावट डालता है। यह वजह बनती है अपनी पत्नी या सेक्स पार्टनर को धोखा देने की।’
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अमेरिका की इलिनॉय यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च के अनुसार, 80 प्रतिशत पुरुष सेक्सुअल इच्छाओं को पूरा न कर पाने की वजह से पत्नियों को धोखा देते हैं। अगर पत्नी के साथ सेक्स लाइफ में कोई बाधा आती है, तो पुरुषों पर इसका ज़्यादा असर पड़ता है। इस कारण वे दूसरी महिला के बारे में सोचने लगते हैं या सेक्स में धोखा देने लगते हैं।
एक सर्वे में आयी रिपेार्ट के अनुसार भारत में ऐसे लोगों की तादाद बहुत ज़्यादा है, जो अधिक सेक्स सुख के लिए कंडोम लगाने से मुकरते हैं। ऐसे पुरुषों की संख्या भी अधिक है, जो ख़ुद तो कंडोम लगाने से बचते हैं, लेकिन महिलाओं को सलाह देते हैं कॉपर-टी लगवाने या फिर पिल्स लेने की। उनको इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि दवाओं से उनकी पत्नी के स्वास्थ्य पर कैसा असर पड़ेगा।
आज भी सेक्स सुख लेना पुरुष अपना हक समझते हैं। यही वजह है कि कंडोम नहीं लगाने के लिए तमाम बहाने बनाते हैं। अगर पुरुष ख़ुद को आकर्षक मान रहा है या फिर महिला पार्टनर उसे आकर्षक लग रही है, तो वह कंडोम का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करता। कुल मिलाकर यह जो धोखेबाजी चल रही है, उसमें कंडोम को चरम सुख का खलनायक बन रहा है ऐसा माना जाता है।
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