use of mobile phone in toilet: आज के इस दौर में मोबाइल फोन हर किसी की कमजोरी बन चुका है, इसलिए जिसे देखो वही अपने फोन से हरदम चिपका रहा है। खासकर वयस्कों की बात करें तो वो टॉयलेट में भी अपने मोबाइल फोन को साथ ले जाना नहीं भूलते हैं। हालांकि उन्हें नहीं पता है कि टॉयलेट में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की आदत कितनी घातक साबित हो सकती है। अगर आप भी टॉयलेट में मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं तो आपको सावधान होने की ज़रूरत है, क्योंकि आपकी यह आदत आपको सेहत से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं का शिकार बना सकती है।
टॉयलेट सीट कीटाणुओं का प्रजनन आधार है, जब हम टॉयलेट सीट पर होते हैं और ऊपर-नीचे स्क्रॉल कर रहे होते हैं तो हमारे हाथों के संपर्क में कई कीटाणु आ जाते हैं, जो मुंह, आंख और नाक के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कीटाणु मोबाइल फोन की स्क्रीन पर 28 दिनों तक जीवित रह सकते हैं। यह एक स्थापित तथ्य है कि स्मार्टफोन टॉयलेट सीट की तुलना में दस गुना अधिक कीटाणुओं को ले जा सकते हैं।
स्वच्छता के नजरिए से देखा जाए तो टचस्क्रीन मोबाइल फोन को ‘डिजिटल युग के मच्छर’ संक्रामक रोग वैक्टर के तौर पर वर्णित किया गया है। जब हम टॉयलेट में फोन का इस्तेमाल करते हैं तो इससे स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
Read more: एक बार फिर पूनम पांडे ने सोशल मीडिया में लगाई आग, वायरल वीडियो देख थमीं यूजर्स की सांसे
use of mobile phone in toilet: टॉयलेट सीट पर आमतौर पर पाए जाने वाले कीटाणुओं में से एक स्टैफिलोकोकस ऑरियस है। स्टैफिलोकोकस के अन्य स्ट्रेन, जो टॉयलेट सीट पर पाए जाते हैं वो मनुष्यों के लिए समान रूप से हानिकारक हैं। ये ज्यादातर मूत्र पथ के संक्रमण का कारण बनते हैं। टॉयलेट सीट पर ई.कोली और एंटरोकोकस, साल्मोनेला, शिगेला और कैंपिलोबैक्टर भी सामने आते हैं।
इतने सारे हानिकारक रोगजनकों के जोखिम के बीच अगर आप टॉयलेट में फोन का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपको स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। दूषित फोन के चलते आपको पेट दर्द, दस्त, संक्रमण और भोजन की विषाक्तता से कई जटिलताओं का खतरा हो सकता है। इसके अलावा फोड़े-फुंसी जैसे त्वचा संक्रमण और साइनसाइटिस जैसे श्वसन संक्रमण का जोखिम हो सकता है।