आज हम बात करेंगे पंजाब की… पंजाब में आजकल कौन बनेगा मुख्यमंत्री वाला गेम जोर शोर से चल रहा है….अभी खासकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में इसका हल्ला जरा ज्यादा है….इन दोनों ही दलों में सीएम चेहरे को लेकर काफी दिनों से चर्चा होती रही है,…आम आदमी पार्टी के पास पंजाब में एक बड़ा चेहरा सांसद भगवंत मान का ही था और पार्टी ने लोगों की राय लेने के बाद घोषणा कर दी है कि यदि आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार बनती है तो भगवंत मान सीएम होंगे। इधर कांग्रेस अभी भी खुलकर कुछ कहने के बजाए सिम्बॉलिक मैसेज ही दे रही है….
AAP की ओर से 17 जनवरी तक लोगों की राय मांगी गई थी कि वे बताएं… पंजाब में AAP के सीएम के रूप में किसे देखना चाहते हैं….इसके लिए फोन नंबर भी जारी किया गया था और लोगों से मैसेज भेजने कहा गया था…पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने अब लोगों की राय के आधार पर बताया है कि 93 फीसदी लोगों ने भगवंत मान को सीएम के रूप में देखना चाहा है…बाकी बचे लोग सिद्धू या केजरीवाल को चाहते थे… वैसे सर्वे तो AAP ने किया था पर शायद 3 फीसदी से अधिक लोगों ने ये सोचकर सिद्धू के पक्ष में राय दे दी होगी कि यह सर्वे सिर्फ सीएम चेहरे पर हो रहा है….. भगवंत मान आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष हैं और राज्य में पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा भी…
मान की साफ सुथरी छवि है और उनके बोलने का अंदाज भी लोगों को पसंद आता है एक कॉमेडियन के तौर पर भी उन्होने लोगों के बीच बेहतर जगह बनाई है…हालांकि उनके पास प्रशासन का कोई अनुभव नहीं है ऐसे में विरोधी इसको मुद्दा बना सकते हैं…..मान संगरूर से दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं…बताया जाता है कि पार्टी कार्यकर्ताओं और केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनका बेहतर संबंध है…मान जट सिख समाज से आते हैं जिसका पंजाब में प्रभाव भी है…
Read More: UP में BJP ने छोड़ा राम मंदिर मुद्दा, क्या है BJP की नई चाल
खैर अब केजरीवाल की पार्टी ने अपना चेहरा घोषित करके कांग्रेस पर एक तरह से बढ़त ले ली है पर कांग्रेस अभी भी अपने पत्ते खोलने से डर रही है… शायद उसे बगावत का डर है…कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले एक गेम प्लान किया था और कैप्टन अमरिंदर को सीएम की कुर्सी से हटाकर सिद्धू को सीएम बनाना चाहा था….पूरा प्लान उसी के मुताबिक चल रहा था पर कैप्टन ने कांग्रेस छोड़कर सिद्धू को पाकिस्तानी पीएम इमरान खान का करीबी बताया था…साथ ही सीमा से सटे राज्य की कमान सिद्धू को देने का विरोध कर दिया…बस यहां पर सिद्धू का गणित गड़बड़ा गया और मजबूरी में कांग्रेस ने सिद्धू की जगह चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बना दिया……लगता है चन्नी के सीएम बनने के बाद अब कांग्रेस के स्क्रिप्ट राइटर बदल गए हैं…सिद्धू को आगे रखने वाला प्लान कुछ और था उसकी कहानी अलग ढंग से लिखी जाती….पर ऐसा लगता है कि चन्नी के आने के बाद जो कहानी बदली है उसे कैसे आगे बढ़ाया जाए…यह कांग्रेस के स्क्रिप्ट राइटर्स को समझ नहीं आ रहा है… कुछ दिनों पहलें कांग्रेस प्रवक्ता ने एक और नाम लेते हुए कहा था कि कैंपेन कमेटी प्रमुख के तौर पर सुनील जाखड़ भी चुनाव में हमारा चेहरा होंगे….पार्टी इन तीनों के चेहरे को सामने रख लड़ेगी…
कांग्रेस का यही कन्फ्यूजन केजरीवाल के आप को दिनों दिन मजबूत बना रहा है….अकालियों को भी इससे फायदा हो सकता है क्योंकि उनका सीएम चेहरा तो पहले से ही तय है….
Read More: UP चुनाव में योगी के खिलाफ BJP में बना माहौल, मोदी की मजबूरी UP में योगी जरूरी
अब कांग्रेस की मुसीबत ये है कि वह सिद्धू को ना नहीं कर सकती है और चन्नी के लिए हां बोलने में भी उसे दिक्कत है….हमारे देश में एक पुरानी प्रथा है जिसमें लोग अप्रत्यक्ष रूप से बात करते हैं… यानी मां को यदि पापा से परेशानी है तो वह बच्चे से कहती है- बेटा कह दे अपने पापा से….. यानी सीधे खुद बात नहीं करते….संसद और विधानसभाओं में भी सदस्यों को यही हिदायत दी जाती है कि वे सीधे एक दूसरे से बात न करें बल्कि अध्यक्ष या सभापति को संबोधित करते हुए बात कहें….
यही हाल अब कांग्रेस का हो गया है वह सिद्धू को सीधे ना नहीं कह पा रही तो किसी तीसरे का सहारा लेकर इनडायरेक्ट कह रही है….केजरीवाल के सीएम के चेहरे के ऐलान के साथ ही कांग्रेस ने भी एक कदम इस तरफ उठाया है और अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर अभिनेता सोनू सूद का एक वीडियो डाला है। इसमें सोनू सीएम की खूबियों पर बात कर रहे हैं और उसके बाद वीडियो में चन्नी के फुटेज हैं, लेकिन इस वीडियो से सिद्धू पूरी तरह गायब हैं।
36 सेकंड के इस वीडियो में सोनू सूद कह रहे हैं कि असली चीफ मिनिस्टर वह है, जिसको जबरदस्ती कुर्सी पर लाया गया हो। उसको बताना न पड़े कि मैं चीफ मिनिस्टर कैंडिडेट हूं। मैं डिजर्व करता हूं। वह ऐसा होना चाहिए, जो बैक बेंचर हो। उसे पीछे से उठाकर लाएं और उसे कहें कि तुम डिजर्व करते हो, तुम सीएम बनो। ऐसा जो आदमी सीएम बनेगा, वह देश बदल सकता है।
यानी साफ है कि कांग्रेस ने सिद्धू को कह दिया है कि वह खुद को सीएम कैंडिडेट बताना बंद करें और चन्नी को हां कहे बिना कुछ उम्मीद बंधा दी है…रह गए पंजाब के वोटर तो उनको भी कांग्रेस कोई वादा नहीं कर रही है कि अगर उनकी सरकार बनी तो चन्नी रिपिट होंगे या नहीं….
Read More:UP Elections में बहुत कठिन है डगर BJP की, मोदी- योगी को मिली कड़ी चुनौती
खुद पंजाब के सीएम चन्नी भी कांफिडेंट नहीं हैं कि वे सरकार बनी तो सीएम रहेंगे या नहीं…खैर अभी तो चन्नी को प्रधानमंत्री के काफिले को रोकने वाले मामले में इतने तरह की समस्याएं आने वाली हैं कि वे सीएम रहेंगे यही कहना मुश्किल है….
ऐसे में सिद्धू की दावेदारी अभी खत्म हो गई यह कह देना जरा जल्दबाजी होगी…. हो सकता है कांग्रेस हेडक्वार्टर में सिद्धू के लिए पहले वाले स्क्रिप्ट राइटर्स की ही टीम को वापस बुलाया गया हो और नए सिरे से कहानी लिखने कहा जा रहा हो….हो सकता है कि इन्हीं राइटर्स ने कहानी को नया मोड़ देते हुए सोनू का वीडियो विरोधियों और लोगों को कन्फ्यूज करने के लिए डालवाया हो…. खैर जो भी हो पर अभी तो कांग्रेस ने साफ नहीं किया है कि उसका सीएम कौन होगा…
इधर आप और कांग्रेस की लड़ाई में लोग कैप्टन अमरिंदर को भूल गए हैं…. कल तक अपने दम पर कांग्रेस को सत्ता दिलवा चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ किसी का ध्यान नहीं है और कैप्टन इस चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर किस तरह का समीकरण बनाएंगे या समीकरण बिगाड़ेंगे कहना मुश्किल है…पर ये तो कहा ही जा सकता है कि मैदान में वे एक मजबूत खिलाड़ी होंगे… और हां अगर किस्मत ने साथ दिया तो अपनी तरफ से वे सीएम कैंडिडेट तो हैं ही….