अखिलेश की मुसीबत बढ़ी Aparna Yadav बीजेपी में शामिल हुई | Khabar Bebak

आज हम यूपी के महाभारत में बीजेपी की तरफ से रचे गए ऐसे चक्रव्यूह की बात करेंगे जिसमें अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी फंस गई है... अब अखिलेश को न तो लड़ते बन रहा न ही भागते

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  • Publish Date - January 19, 2022 / 07:58 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 01:08 AM IST

आज हम यूपी के महाभारत में बीजेपी की तरफ से रचे गए ऐसे चक्रव्यूह की बात करेंगे जिसमें अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी फंस गई है… अब अखिलेश को न तो लड़ते बन रहा न ही भागते……

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कल तक बीजेपी का टिकट खो चुके कुछ मंत्री और विधायकों को अपने पाले में लाकर जीत का दावा करते रहे समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को बीजेपी ने ऐसा फंसाया है कि अब वे चुनाव तक उसकी काट ही ढूंढते रह जाएंगे…. ऊपर से जनता का विश्वास भी उनके प्रति कमजोर ही होगा… अखिलेश यादव बीजेपी से कुछ पिछड़े वर्ग के नेताओं को लाकर बीजेपी को सबक सिखाने का दावा कर रहे थे पर उनका दांव उन्हीं पर भारी पड़ गया है….एक तरफ अखिलेश बाहरी लोगों को पार्टी में ला रहे हैं दूसरी तरफ उनका परिवार ही उनको छोड़कर जा रहा है…जाहिर है बीजेपी ने चोट बड़ी की है…हमने अपने पुराने वीडियो में यह पहले ही चेता दिया था कि बीजेपी बदला लेगी और कुछ और समाजवादी बीजेपी में शामिल होंगे…
कुछ दिनों पहले मुलायम सिंह यादव के समधि और सिरसागंज सीट से विधायक हरिओम यादव बीजेपी में शामिल हुए थे…. हरिओम यादव के साथ ही बीजेपी ने सहारनपुर बेहट से कांग्रेस विधायक नरेश सैनी और सपा के पूर्व विधायक धर्मपाल यादव को भी अपने पाले में शामिल किया है…. अब अखिलेश यादव की बहू और के छोटे भाई की पत्नी अपर्णा यादव ने राष्ट्र आराधना के संकल्प के साथ बीजेपी ज्वाइन कर ली है… उन्होंने बीजेपी की सदस्यता लेते ही समाजवादी पार्टी के गुंडा राज का जिक्र कर दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की। अपर्णा ने कहा है कि उनके लिए राष्ट्र सबसे पहले है। इसलिए वे राष्ट्र की आराधना करने निकली हैं….। उन्होंने ऐसा कहकर यह साफ कर दिया है कि समाजवादियों के लिए राष्ट्रहित महत्वपूर्ण नहीं है….वहां रहकर राष्ट्र की आराधना करना संभव नहीं था…. अपर्णा ने यह भी कहा कि वे
हमेशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित रही हैं और भारतीय जनता पार्टी की स्कीम भी उनको प्रभावित करती रही है।
वैसे अपर्णा के बीजेपी प्रवेश से बीजेपी के भीतर भी कुछ असंतोष फैलता दिख रहा है…
चर्चा है कि बीजेपी अपर्णा को लखनऊ कैंट सीट से चुनाव लड़ा सकती है… इस सीट पर अपर्णा समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पिछला चुनाव लड़ चुकी हैं। उन्हें भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने हरा दिया था बाद में बहुगुणा सांसद बन गईं और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। यहां हुए उपचुनाव में फिर बीजेपी जीत गई थी…. अब अपर्णा के आने से रीता बहुगुणा भी परेशान हैं और अपने बेटे को वहां से टिकट देने की मांग कर रही हैं… वे इसके लिए पार्टी अध्यक्ष नड्डा को पत्र भी लिख चुकी हैं….रीता लखनऊ कैंट सीट पर दावा छो़ड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रही हैं बल्कि उनका तो यह भी कहना है कि पार्टी ने एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट देने का नियम बनाया है… ऐसे में अगर उनके बेटे को लखनऊ कैंट से टिकट मिलता है, तो वे सांसद पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं….अब रीता बहुगुणा बीजेपी का समीकरण बिगाड़ती दिख रही हैं ऐसे में बीजेपी उनके बेटे को 2024 में सांसद का टिकट या कुछ और पद देने का आश्वासन देकर उनको मना सकती है…. या फिर अपर्णा को ऐसा ही ऑफर दिया जा सकता है…बहुत संभावना है तो यही है कि अपर्णा को यूपी की राजनीति में ही सक्रिय रखा जाएगा….इससे समाजवादियों को झटके मिलते रहेंगे….अपर्णा का चेहरा दिखाकर बीजेपी समाजवादियों पर हमले करती रहेगी…. समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के लिए भी उनकी बहू अपर्णा यादव का भाजपा में शामिल होना बड़ा झटका है। इससे उनकी सारी प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई है।

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अपर्णा भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली स्थित हेडक्वॉर्टर में पहुंची तो यूपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद थे। इधर इस मौके पर केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव को असफल बताया और कहा कि “प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश असफल रहें हैं, और परिवार में भी असफल रहे हैं. इसी वजह से वह विधानसभा चुनाव लड़ने से भी बच रहे हैं….
मुलायम- अखिलेश परिवार से दो बड़े चेहरे तोड़ने के बाद अब बीजेपी अखिलेश को अपने मैदान पर और अपनी पिच पर खेलने के लिए मजबूर करने की रणनीति पर काम कर रही है…बीजेपी अब अखिलेश यादव को विधानसभा चुनाव लड़ने की चुनौती दे रही है…अखिलेश ने अभी तक एक बार भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा है….अब यदि वे चुनाव लड़ते हैं तो मुसीबत… और नहीं लड़ते हैं तो मुसीबत…नहीं लड़े तो बीजेपी कहेगी उनमें जनता का सामना करने की हिम्मत नहीं है… और यदि लड़ते हैं तो बीजेपी अखिलेश को उसी एक सीट पर उलझा देगी….अखिलेश को जब बीजेपी घेरेगी तो उनके सामने अपनी सीट बचाएं…. कि पार्टी के लिए प्रचार करें वाली स्थिति बन जाएगी….. हार गए तो फजीहत अलग होगी….मायावती इसी कारण खुद चुनाव नहीं लड़ रही हैं…
इधर खबर आ रही है कि अखिलेश ने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है…..ऐसे में वे जहां से भी चुनाव लड़ें बीजेपी के लिए मुद्दा होगा… आपको याद होगा अखिलेश ने कुछ दिनों पहले खुद को भगवान कृष्ण का बड़ा भक्त बताया था और कहा था कि भगवान कृष्ण रोज उनके सपने में आते हैं… यह बयान अब उनके लिए मुसीबत बनने जा रहा है…बीजेपी ने उनको मथुरा और वृन्दावन से लड़ने की चुनौती दी है….जाहिर है अखिलेश यह रिस्क नहीं लेंगे….वे तो राहुल गांधी की तरह सेफ सीट देखेंगे जहां उनकी जीत पक्की हो…और अब जो माहौल बन रहा है उसमें हिन्दू बहुल सीट पर चुनाव लड़ना अखिलेश के लिए बहुत ही जोखिमभरा होच सकता है….
तो अब चुनाव नजदीक आते आते बीजेपी ने यूपी का पूरा समीकरण बदल दिया है… लगता है कि बीजेपी अब अखिलेश यादव को अपनी पिच पर खेलने के लिए मजबूर कर देगी….ऐसे में अखिलेश क्या इस समीकरण को हल कर पाते हैं ये देखना होगा….ये तो अब पक्का है कि पिछड़े और दलित वोटों पर कब्जा जमाने की उनकी रणनीति जरा कमजोर होती दिख रही है….अब इन वोटों पर दावेदारी के लिए बीजेपी पिछड़े वर्ग के सबसे बड़े नेता नरेंद्र मोदी समेत समाजवादी परिवार के नेताओं को लेकर आ रही है। वहीं दलितों के वोटों पर सेंध लगाने के लिए मायावती के बाद भीम आर्मी भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारने वाली है…रह गई कांग्रेस तो उसकी ही महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रियंका गांधी के यूपी में चलाए गए कैम्पेन ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ की पोस्टर गर्ल प्रियंका मौर्य ने कांग्रेस पर पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा का आरोप पहले से ही लगा रखा है….तो रोज रोज यूपी में राजनीति नए नए समीकरण बिठा रही है…. हमारी इस पर नजर रहेगी…

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